धनबाद — दून एक्सप्रेस में चल रही कछुआ तस्करी का भंडाफोड़ : दो तस्कर गिरफ्तार, 60 जीवित कछुए बरामद

KK Sagar
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धनबाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने Operation WILEP के तहत कछुआ तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार देर रात योग नगरी ऋषिकेश–हावड़ा दून एक्सप्रेस (13010) के जनरल कोच से 60 जीवित कछुओं की तस्करी करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त धनबाद के निर्देश पर की गई।

कैसे हुई कार्रवाई?

लगातार मिले इनपुट के बाद RPF की टीम ने इस ट्रेन में मुखबिर तैनात कर कई दिनों से निगरानी कर रही थी।
8-9 दिसंबर की रात गोमो स्टेशन से ट्रेन खुलने के बाद जनरल कोच में दो संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़कर उनके बैगों से भारी मात्रा में कछुए बरामद किए गए।
ट्रेन धनबाद पहुंचते ही प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर 01:45 बजे तस्करों को कछुओं के साथ उतार लिया गया।

गिरफ्तार तस्करों की पहचान

पूछताछ में पकड़े गए दोनों तस्करों ने अपना नाम व पता बताया —
1️⃣ राम दास उर्फ हेमेंद्र प्रसाद दास (50 वर्ष) — ग्राम आगरपाड़ा, जिला 24 परगना, पश्चिम बंगाल
2️⃣ हिमांशु वैध (58 वर्ष) — ग्राम बसखारी, जिला अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश

जांच में पाया गया कि इनके पास कछुओं से संबंधित कोई वैध कागज़ात नहीं था।

बरामद कछुए

▪ Indian Flapshell Turtle (Lissemys punctata) प्रजाति के कुल — 60 जीवित कछुए

उपस्थित स्वतंत्र गवाह न मिलने के कारण प्लेटफॉर्म पर मौजूद सुरक्षा बल सदस्यों को कानूनी गवाह बनाकर 02:30 बजे जब्ती सूची बनाई गई और 03:00–03:15 बजे दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार किया गया।

खुलासा — कैसे होती थी तस्करी?

पूछताछ में तस्करों ने बताया —
🔹 कछुए उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (अतरौलिया थाना क्षेत्र) से मुशहर समुदाय के लोगों से ₹120 प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदे जाते हैं।
🔹 इन्हें पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में कार्तिक साहा नामक व्यक्ति को बेचा जाता है।
🔹 दोनों आरोपी पिछले लगभग दो वर्षों से महीने में दो–तीन बार कछुआ तस्करी कर रहे थे।

आगे की प्रक्रिया

RPF द्वारा बरामद कछुओं और दोनों तस्करों को वन विभाग की टीम के हवाले कर दिया गया, जहां वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
रेलवे बोर्ड के निर्देश अनुसार बरामद वन्य जीवों का मूल्यांकन नहीं किया गया।

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