नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक और लंबे समय से फरार चल रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चोकसी को शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया और वह वर्तमान में बेल्जियम की जेल में बंद है।
भारत सरकार ने इस बड़ी कामयाबी के बाद चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। चोकसी पर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। खबरों के मुताबिक, उसने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम का ‘एफ रेजिडेंसी कार्ड’ हासिल किया था, जो कथित रूप से उसकी बेल्जियन नागरिक पत्नी की मदद से मिला था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चोकसी ने इस दौरान फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और अपनी भारतीय नागरिकता की जानकारी छिपाई।
भागते-भागते चोकसी की कहानी
मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गया था, जब PNB घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। उसका भतीजा नीरव मोदी भी इस मामले में आरोपी है और फिलहाल लंदन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है। चोकसी पहले अंतिगुआ और बारबुडा में रह रहा था, जहां से वह मई 2021 में रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। बाद में वह डोमिनिका में पकड़ा गया, लेकिन कोर्ट से चिकित्सा आधार पर मिली अंतरिम जमानत के बाद वह फिर से अंतिगुआ लौट गया था। वहां उसका प्रत्यर्पण मामला मई 2022 से लंबित था।
कोर्ट में चोकसी का बचाव
मई 2023 में मुंबई की एक विशेष अदालत में चोकसी ने खुद को “भगोड़ा आर्थिक अपराधी” कहे जाने का विरोध किया था। उसका दावा था कि भारत सरकार ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया, जिससे वह लौट नहीं सका। उसने यह भी कहा कि वह कानून से भाग नहीं रहा, बल्कि परिस्थितियों के चलते भारत नहीं आ पाया।
हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत से अपील की कि चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए ताकि उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकें। दिसंबर 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जानकारी दी थी कि चोकसी समेत कई आर्थिक अपराधियों से अब तक 22,280 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त या नीलाम की जा चुकी हैं।
अब प्रत्यर्पण पर टिकी निगाहें
चोकसी की गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत मानी जा रही है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि भारत सरकार बेल्जियम से उसके प्रत्यर्पण को कब तक अंजाम देती है और यह भगोड़ा हीरा कारोबारी कब भारतीय कानून के कटघरे में खड़ा होता है।