क्या कमीशनखोरी छुपाने के लिए हुई थी तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या? – कांग्रेस पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का गंभीर आरोप

KK Sagar
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गोड्डा। गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर दावा किया कि तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या कांग्रेस ने अपनी कमीशनखोरी छुपाने के लिए करवाई थी।

दुबे का घटनाक्रम आधारित दावा

निशिकांत दुबे ने अपने पोस्ट में विस्तार से पूरा घटनाक्रम गिनाया –

  1. 1972-73 – भारत सरकार ने एक फ़र्ज़ी आयात-निर्यात लाइसेंस जारी किया।
  2. उस समय ललित नारायण मिश्रा विदेश व्यापार मंत्री थे और पैसों का लेन-देन शुरू हुआ। रकम उस दौर में 1 लाख 20 हजार रुपये महीना बताई गई।
  3. 1973 में संसद में हंगामा हुआ। जाँच शुरू होते ही ललित बाबू का मंत्रालय बदलकर उन्हें रेल मंत्री बनाया गया।
  4. सितंबर 1974 में CBI ने चार्जशीट दायर की। आरोप यह था कि फ़र्ज़ी कम्पनियां बनाकर लेन-देन हुआ और यह सिद्ध भी हुआ।
  5. 9 दिसंबर 1974 को अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में ललित नारायण मिश्र पर सीधा वार किया और CBI चार्जशीट के आधार पर पैसों के लेन-देन के सबूत पेश किए। इसके आधार पर विशेषाधिकार लाया गया।
  6. और फिर 3 जनवरी 1975 को — क्या इसी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ललित नारायण मिश्र बम विस्फोट में उड़ा दिए गए? यही बड़ा सवाल निशिकांत दुबे ने उठाया है।

राजनीतिक हलचल

बीजेपी सांसद के इस आरोप से सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन निशिकांत दुबे के पोस्ट ने नई बहस छेड़ दी है।

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