हृदय रोगियों की बढ़ी परेशानी
देवघर। झारखंड के देवघर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अव्यवस्था का आलम यह है कि सुबह चार बजे से ही मरीज कतार में लग जाते हैं। इलाज की उम्मीद लेकर आए लोग घंटों इंतजार करने के बाद भी खाली हाथ लौटने को मजबूर हो रहे हैं। सुबह 9:30 बजे तक लंबा इंतजार करने के बावजूद टोकन काउंटर से यह कहकर मना कर दिया जाता है कि सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं।
हृदय रोगियों के लिए सबसे बड़ा संकट
सबसे गंभीर हालात हृदय रोगियों के सामने हैं। कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टर सप्ताह में केवल मंगलवार और शुक्रवार को ही मरीज देखते हैं और वह भी सिर्फ 60 मरीजों तक। जबकि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों से रोज बड़ी संख्या में गंभीर मरीज यहां पहुंचते हैं। इस कारण अधिकांश मरीज बिना इलाज कराए निराश होकर वापस लौट जाते हैं।
मरीजों का आरोप: डॉक्टरों की सहूलियत पर चल रहा एम्स
इलाज कराने पहुंचे मरीजों का कहना है कि देवघर एम्स की व्यवस्था मरीजों की सुविधा के हिसाब से नहीं, बल्कि डॉक्टरों की सहूलियत पर चल रही है। उनका कहना है कि जिस संस्थान की स्थापना बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुई थी, वहीं अब गंभीर रोगियों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।
सांसद से पहल की मांग
मरीजों और परिजनों ने सवाल उठाया है कि जब देवघर एम्स का उद्देश्य झारखंड और आसपास के राज्यों के गंभीर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना है तो डॉक्टरों की संख्या और परामर्श व्यवस्था को लेकर गंभीरता क्यों नहीं बरती जा रही। लोगों ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे से इस मामले में पहल करने और खामियों को दूर कराने की मांग की है।