संवाददाता, धनबाद: धनबाद का शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SNMMCH), जो राज्य का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, अक्सर अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहता है। एक बार फिर यहां की लचर व्यवस्थाएं मरीजों की परेशानी का कारण बन रही हैं। दूर-दराज से आने वाले मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर यहां आते हैं, लेकिन व्यवस्था के अभाव में उन्हें ‘जुगाड़’ से इलाज कराना पड़ रहा है।

ताजा मामला गोमो से इलाज के लिए आए हीरामणि महतो का है, जिनके पैर को सीधा रखने के लिए किसी ऑर्थोपेडिक सपोर्ट की जगह ईंट का सहारा दिया गया। यह स्थिति अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है। मरीजों को जिस देखभाल और संसाधनों की जरूरत होती है, वह SNMMCH में नदारद नजर आती है।
चिंता की बात यह भी है कि अगर यह ईंट किसी और मरीज या वार्ड में गुजर रहे किसी व्यक्ति के पैर में गिर जाए, तो एक मरीज की परेशानी दूसरे व्यक्ति को भी अस्पताल पहुंचा सकती है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को अविलंब आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराकर मरीजों को सही और सुरक्षित उपचार सुनिश्चित करने की जरूरत है।
(रिपोर्ट: प्रिया पांडेय)