धनबाद के बिरसा मुंडा पार्क में रविवार को पुलिस और पार्क कर्मियों के बीच एक मामूली प्रवेश शुल्क को लेकर बड़ा विवाद हो गया। घटना में थाना के अधिकारी पर दुर्व्यवहार और संपत्ति क्षति पहुंचाने के आरोप लगे हैं। इस दौरान थाना के अधिकारी सीटी मैनेजर से भी उलझ गए और तू तू मैं मैं तक बात पहुँच गई। जबकि मैनेजर द्वारा इसकी शिकायत वरीय अधिकारी से की गई और हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो पाया।
क्या हुआ था?
रविवार को पार्क में भारी भीड़ थी। इसी दौरान एक व्यक्ति टिकट काउंटर पर पहुंचा और वहां मौजूद कर्मचारी से कई थाना के स्टाफ है और फोन पर किसी अधिकारी से बात करने को कहा। भीड़ ज्यादा होने के कारण जब कर्मचारी ने मैनेजर से बातचीत करने की सलाह दी, तो व्यक्ति नाराज हो गया। इस बात की जानकारी पार्क में तैनात पुलिस के सिपाही और थाना के अधिकारी तक पहुंची।
कुछ देर बाद थाना के अधिकारी अपने दल-बल के साथ पार्क पहुंचे। उन्होंने पार्क कर्मियों को एक पंक्ति में खड़ा कर उस व्यक्ति के बारे में पूछताछ शुरू कर दी, जिसने फोन पर बात करने से मना किया था। यही नहीं मामला बढ़ा और थाना के अधिकारी सीटी मैनेजर से उलझ पड़े। सिटी मैनेजर ने कहा कि थोड़ा तमीज से बात कीजिए जिसके बाद अधिकारी आग बबूला हो उठे और गुस्सा में काउंटर को जोर से झटका दिया और यहां तक कह दिया कि आज तक एक डब्बा मिठाई भी नहीं पहुंचाए हो l इस दौरान अधिकारी ने नगर आयुक्त को फोन लगा दिया लेकिन फोन स्विच ऑफ था, तब सिटी मैनेजर ने सहायक नगर आयुक्त से उस अधिकारी की बात कराई, सिटी मैनेजर ने इसकी जानकारी अपर नगर आयुक्त को दी इसके बाद डीएसपी को फोन पर इसकी जानकारी दी ,बाद में वरीय अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
टिकट काउंटर की खिड़की तोड़ी
पूछताछ के दौरान विवाद बढ़ गया और थाना के अधिकारी ने गुस्से में टिकट काउंटर की खिड़की पर जोर से हाथ मारा, जिससे उसका शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। पार्क कर्मियों और नगर निगम के अधिकारियों ने पुलिस को समझाने की कोशिश की, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ।
पार्क की लोकप्रियता और विवाद का असर
बिरसा मुंडा पार्क में प्रतिदिन तीन से चार हजार पर्यटक आते हैं। प्रवेश शुल्क मात्र 25 रुपये होने के बावजूद इस तरह का विवाद लोगों में असंतोष पैदा कर रहा है। नगर निगम ने अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।