डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें हर महीने आय का स्थिर स्रोत उपलब्ध कराना राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य है। किसान परंपरागत खेती के साथ नई तकनीकों और सहायक गतिविधियों जैसे पशुपालन, मत्स्य और डेयरी का उपयोग करके अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। धनबाद सहित झारखंड में ऐसे कई प्रगतिशील किसान हैं जो इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह बातें उपायुक्त माधवी मिश्रा ने शुक्रवार को गोविंदपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय कृषि मेला, प्रदर्शनी सह कृषक गोष्ठी के दौरान कहीं।
किसानों को नई तकनीक अपनाने की सलाह
उपायुक्त ने कहा कि इस प्रकार के कृषि मेलों से किसानों को जागरूक होने का सुअवसर मिलता है। उन्होंने किसानों से परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक तकनीकों को अपनाने की अपील की। साथ ही बताया कि राज्य सरकार किसानों के लिए सोइल टेस्टिंग, उत्तम गुणवत्ता के बीज और खाद के साथ-साथ कम पानी में फसल उगाने की तकनीक समेत कई सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने किसानों को कृषि मेले से प्राप्त जानकारी का लाभ उठाकर इसे अपने गांवों और आसपास के क्षेत्रों में भी पहुंचाने का आह्वान किया।
सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम ने किसानों को राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इनमें तहत: केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) ,कृषि ऋण माफी योजना ,पीएम कृषि सम्मान निधि योजना , बीज वितरण कार्यक्रम, पीएम कुसुम योजना, सोइल हेल्थ कार्ड योजना,किसान समृद्धि योजना साथ ही पशुपालन, मत्स्य, उद्यान और बागवानी से जुड़ी योजनाओं के लाभों पर भी चर्चा की गई।
प्रदर्शनी और सम्मान समारोह का आयोजन
कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त माधवी मिश्रा, निरसा विधायक अरूप चटर्जी और जिला परिषद की अध्यक्ष शारदा सिंह ने फीता काटकर किया। प्रदर्शनी में लाल आलू, सफेद आलू, टमाटर, बैंगन, अमरूद, गाजर, ब्रोकली, फूलगोभी समेत 30 से अधिक कृषि उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। साथ ही उत्कृष्ट कार्य के लिए कई किसानों को सम्मानित भी किया गया।
तमाम अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर उपायुक्त माधवी मिश्रा, निरसा विधायक अरूप चटर्जी, जिला परिषद की अध्यक्ष शारदा सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम, प्रखंड प्रमुख निर्मला सिंह, बीडीओ जाहिर आलम और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।