ग्रामीणों की शिकायत पर सुरंगा पहुँची जिला स्तरीय जांच टीम : देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी रही नदारद

KK Sagar
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धनबाद। सुरंगा क्षेत्र में आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी और ग्रामीणों के उत्पीड़न की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन की ओर से गठित एक उच्च स्तरीय जांच दल ने रविवार को मौके का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। जांच दल में अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) पीयूष सिंह, अनुमंडल दंडाधिकारी राजेश कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी ध्रुव नारायण राय, सहायक आयुक्त (नगरीय अंचल) और डीएमओ रितेश कुमार तिग्गा शामिल थे।

इस दौरान टीम ने सुरंगा के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया और पंचायत भवन में ग्रामीणों के साथ बैठक की। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे जिन्होंने आउटसोर्सिंग कंपनी और बीसीसीएल के खिलाफ एक सुर में अपनी शिकायतें दर्ज कराईं।

कंपनी की गैरहाजिरी

इस समीक्षा बैठक में देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे अनुपस्थित रहे, जिससे ग्रामीणों में रोष और अधिक बढ़ गया।

मुख्य शिकायतें जो सामने आईं:

  1. ब्लास्टिंग के समय सायरन न बजाना:
    ग्रामीणों ने बताया कि ब्लास्टिंग से पहले किसी प्रकार की चेतावनी नहीं दी जाती है। ना तो सायरन बजाया जाता है और ना ही ब्लास्टिंग का समय निर्धारित होता है, जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं।
  2. रैयती जमीन पर जबरन ओबी डंपिंग:
    ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी निजी जमीन पर बिना अनुमति के ओवरबर्डन (ओबी) डंप किया जाता है। जब वे इसका विरोध करते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है।
  3. सड़कों को अचानक बंद करना:
    आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा कई चालू सड़कों को बिना किसी सूचना या अनुमति के बंद कर दिया गया है, जिससे आमजन को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है।
  4. सुरक्षा मानकों की अनदेखी:
    ग्रामीणों और अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ओबी डंपिंग के दौरान सुरक्षा मानकों का बिल्कुल ध्यान नहीं रखती, जिससे लगातार हादसे हो रहे हैं।

बैठक में बलियापुर के अंचल अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने भी माना कि आए दिन ग्रामीणों से इस तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं। उन्होंने भी माना कि कंपनी सुरक्षा और प्रशासनिक नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रही है।

ग्रामीणों का कहना था कि वे लगातार इस अन्याय का शिकार हो रहे हैं और अब उनका सब्र टूटने लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला स्तरीय जांच दल के हस्तक्षेप से उन्हें न्याय मिलेगा और दोषी कंपनी पर कार्रवाई होगी।

जिलाधिकारी ने दिया सख्त संदेश:

बैठक के अंत में अपर जिला दंडाधिकारी पीयूष सिंह ने साफ तौर पर कहा कि जो भी कंपनी गलत तरीके से कार्य कर रही है और ग्रामीणों के हितों की अनदेखी कर रही है, उस पर निश्चित रूप से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में बीसीसीएल के भी कई अधिकारी मौजूद थे, जिन्हें ग्रामीणों की बात सुनने और समाधान का निर्देश दिया गया।

निष्कर्षतः, सुरंगा क्षेत्र के ग्रामीणों को पहली बार ऐसा महसूस हुआ कि उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंची है और उन्हें न्याय की एक नई उम्मीद जगी है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन की यह सक्रियता वास्तविक कार्रवाई में कब और कैसे बदलती है।

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