ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने राजीव कुमार का स्थान लिया, जो दो साल से अधिक समय तक इस पद पर रहे। ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में उन्होंने मतदान को राष्ट्र निर्माण की दिशा में पहला कदम बताया। उन्होंने कहा, “भारत के प्रत्येक नागरिक को, जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था, है और हमेशा रहेगा।”
सुप्रीम कोर्ट में होगी नियुक्ति प्रक्रिया पर सुनवाई
ज्ञानेश कुमार ऐसे समय में पदभार संभाल रहे हैं जब सुप्रीम कोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की वैधता को लेकर सुनवाई करने वाला है। इस अधिनियम के तहत, भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया गया था। संसद ने यह कानून सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद पारित किया था जिसमें कहा गया था कि जब तक कोई नया कानून नहीं बनता, तब तक चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति द्वारा की जानी चाहिए।
विवेक जोशी बने नए चुनाव आयुक्त
ज्ञानेश कुमार के साथ, 1989 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी विवेक जोशी को भी चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 2031 तक चलेगा। कानून के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं या अधिकतम छह साल तक पद पर रह सकते हैं।
पिछले साल, नए कानून के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले चयन पैनल ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
चुनाव सुधारों पर रहेगा ध्यान
विशेषज्ञों का मानना है कि ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि अगले कुछ वर्षों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2029 का लोकसभा चुनाव होने वाला है। चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए वे कई सुधार लागू कर सकते हैं।