राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में वक्फ संशोधन बिल ‘उम्मीद’ यानी यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे यह अब एक प्रभावी कानून बन गया है। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह कानून वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पारदर्शी प्रबंधन के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।
देशभर में जहां 39 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं, वहीं बिहार में भी हजारों वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में संपत्तियों पर अवैध कब्जा है या वे कानूनी विवादों में उलझी हुई हैं।
बिहार में वक्फ संपत्तियों की स्थिति:
- कुल वक्फ संपत्तियां: 3000+
- सुन्नी वक्फ बोर्ड: 2900+ संपत्तियां, 7500 बीघा ज़मीन
- शिया वक्फ बोर्ड: 327 संपत्तियां (पटना में 117 संपत्तियां शामिल)
विवाद और कानूनी लड़ाई:
- सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्तियां:
- 250-300 संपत्तियों पर ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में मुकदमे
- कुल ज़मीन का 25% अवैध कब्जे में
- संपत्तियों का पूरा सर्वे अब तक नहीं हुआ
- शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियां:
- 138 मामले वक्फ ट्रिब्यूनल में
- 37 मामले हाईकोर्ट में लंबित
- अवैध कब्जा लगातार चुनौती बना हुआ
पटना में करोड़ों की वक्फ संपत्तियों पर कब्जा:
पटना के डाक बंगला चौराहा पर करीब 17 बीघा वक्फ ज़मीन भू-माफियाओं के कब्जे में है। पूर्व शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष मोहम्मद इरशाद के अनुसार, इस जमीन पर 146 कब्जाधारी पहले ही कानूनी लड़ाई हार चुके हैं, लेकिन अभी तक जमीन खाली नहीं कराई जा सकी है।
कब्रिस्तानों की घेराबंदी भी वक्फ संरक्षण का हिस्सा:
बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अनुसार, वक्फ स्टेट में कब्रिस्तान की ज़मीन भी शामिल है।
- कुल चिह्नित कब्रिस्तान: 9273
- अब तक घेराबंदी हुई: 8774
- घेराबंदी प्रक्रिया में: 367
- काम चल रहा है: 132 कब्रिस्तानों में
नया कानून क्या बदलेगा?
- वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा हटाना आसान होगा
- कानूनी दावेदारों को मिलेगा अधिकार
- संपत्तियों के डिजिटलीकरण, प्रबंधन और ट्रैकिंग में तेजी
- वक्फ ट्रिब्यूनलों की शक्ति में वृद्धि
- राज्य सरकारें भी जिम्मेदार होंगी वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए