मिरर मीडिया : जूता-मोजा तथा स्वेटर की राशि वापसी करने का मामला गंभीर हो गया है। मुख्यालय भी लगातार इस पूरे मामले की समीक्षा कर रहा है। जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सभी लेखापाल सह कंप्यूटर आपरेटर तथा विभिन्न प्रखंडों के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बुधवार को जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने 1075 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापकों समेत सभी बीईईओ और लेखापाल को स्पष्टीकरण का आदेश जारी कर दिया।
जारी आदेश में डीएसई ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में वर्ग एक और दो में वैसे नामांकित छात्र जिनका व्यक्तिगत अभिभावक का खाता संख्या अनुपलब्ध रहने की स्थिति में पोशाक मद में प्रति छात्र 600 रुपये (दो सेट पोशाक एवं जूता मोजा एवं स्वेटर) चिहिंत विद्यालयों की सूची प्रखंड संसाधन केंद्र द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। सूची के आधार पर पीएफएमएस पोर्टल के आइडी से 27 मार्च को आवंटित की गई। निर्गत राशि के विरुद्ध पोशाक का क्रय कर अपलोड किया जाना था। प्रखंड स्तर पर योजना एवं रणनीति के अभाव में आपके प्रखंडाधीन विद्यालयों के द्वारा बच्चों के लिए निर्धारित पोशाक क्रय नहीं किया गया और राशि लैप्स कर गई।
आपकी लापरवाही एवं उदासीनता के कारण बच्चे सरकारी लाभ से वंचित रह गए जो अत्यंत ही गंभीर मामला है। अत निदेश् दिया जाता है कि किन परिस्थितियों में आपके प्रखंडाधीन विद्यालयों के द्वारा राशि का उपयोग नहीं किया गया और वित्तीय वर्ष समाप्ति के उपरांत राशि लैप्स हो गई इस संबंध में एक मई तक अपना स्पष्टीकरण कार्यालय में जमा करें। स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने पर विभाग एक पक्षीय कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।
बता दे कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण 1144 सरकारी स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को ड्रेस और जूते के लिए राशि का भुगतान नहीं किया जा सका था साथ ही सरकारी स्कूलों में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण और पीटीएम के लिए आवंटित राशि भी भुगतान नहीं हो पाई। जिला शिक्षा अधीक्षक कि अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में बीइइओ की लापरवाही सामने आई। थी जिसके बाद डीएसइ ने सभी बीइइओ को फटकार लगाई। खराब प्रदर्शन के कारण डीएसई ने सभी बीइइओ को निलंबित करने की अनुशंसा की है। ड्रेस और जूते की राशि के वितरण में गोविंदपुर, तोपचांची, धनबाद, बलियापुर का प्रदर्शन अत्यंत निराशाजनक है।