झारखंड में नगर निकाय चुनाव न होने से जनता के पैसे की बर्बादी – बाबूलाल मरांडी ने उठाए सवाल

KK Sagar
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रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव न होने के कारण सरकारी धन की अंधाधुंध बर्बादी का मामला सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस मुद्दे को उठाते हुए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

मरांडी ने कहा कि नगर निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से विभिन्न नगर पंचायतों और नगर निगमों में प्रशासकों द्वारा बिना औचित्य की योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने हुसैनाबाद नगर पंचायत क्षेत्र का एक उदाहरण देते हुए बताया कि बिना एनओसी के उत्तरी कोयल नहर के ऊपर 10 लाख रुपये की लागत से सड़क बना दी गई, लेकिन बाद में नहर के जीर्णोद्धार कार्य के चलते कंपनी ने इस नवनिर्मित सड़क को उखाड़ दिया। इससे न केवल जनता के पैसे की बर्बादी हुई, बल्कि सरकारी योजनाओं की कमजोर निगरानी भी उजागर हुई।

सरकार पर एटीएम की तरह नगर निकायों का उपयोग करने का आरोप

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि झारखंड की राज्य सरकार नगर निकायों का इस्तेमाल एटीएम की तरह कर काला धन इकट्ठा कर रही है। नगर विकास विभाग द्वारा मनमाने ढंग से टेंडर जारी किए जा रहे हैं, जिनसे जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं हो रहा।

नगर निकायों की योजनाओं की गहन जांच की मांग

मरांडी ने मांग की है कि पिछले दो वर्षों में नगर विकास विभाग द्वारा खर्च की गई राशि और उन योजनाओं की प्रासंगिकता की गहन जांच की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक नगर निकायों के चुनाव नहीं कराए जाते, तब तक जनता के धन के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना असंभव है।

बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन का ऐलान

बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर आगामी दिनों में राज्यभर में विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। पार्टी ने मांग की है कि नगर निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं ताकि जनता के धन का सही उपयोग हो और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।

राज्य सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में

इस पूरे मामले पर अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन बीजेपी के इस आरोप के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या वाकई नगर निकायों में हो रहे खर्चों की जांच होती है या नहीं।

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