फीस ना दे पाने के कारण इन स्कूलों ने बच्चों के 10वीं बोर्ड के रजिस्ट्रेशन पर लगा दी रोक, अभिभावक संघ ने की कार्रवाई की मांग

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल व साकची स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल ने क्लास 9 वीं के अभिवंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों को फीस नहीं दे पाने के कारण बच्चों का स्कूल द्वारा 10वीं बोर्ड के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गयी है। जमशेदपुर अभिभावक संघ ने इसका विरोध करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक व उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा है।

बता दें कि अभिवंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों का मोती लाल नेहरू पब्लिक स्कूल, बिष्टुपुर व दयानंद पब्लिक स्कूल साकची
की प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीट (नर्सरी क्लास) पर नामांकन हुआ था। अब उन बच्चों को कक्षा 9 वीं में आने के बाद दोनों स्कूल प्रबंधनों द्वारा अपने स्कूल के कक्षा 9 वीं के कमजोर वर्ग के बच्चों से फीस की मांग की जा रही है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि आरटीई अधिनियम 2009 के प्रावधान के तहत क्लास 8 वीं तक ही निःशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान था। अब बच्चों को फीस देने होगें। लेकिन इन बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि स्कूल द्वारा मांगी गई फीस की रकम दे पाए। ऐसे में फीस नहीं दे पाने के कारण दोनों स्कूल प्रबंधनों ने यह कहते हुए उन बच्चों के 10 वीं क्लास बोर्ड के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है कि पहले पूरी फीस चुकाए उसके बाद ही रजिस्ट्रेशन होगा। अगर इन बच्चों का बोर्ड रजिस्ट्रेशन समय रहते नहीं होगा तो इन सभी बच्चों का पूरा एक साल बर्बाद हो जाएगा। ऐसे में मोती लाल नेहरू स्कूल के चार बच्चे सौभिक महतो, देवराज कुंभकार, ज्योति महतो, मोमिता महतो और दयानंद स्कूल के अंगद बाउरी को साल बर्बाद होने के साथ ही शिक्षा बाधित होने का भी डर सता रहा है। अभिभावक संघ ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जिसे भारत सरकार द्वारा पूरे देश में लागू कर दिया गया है। इस नीति को झारखंड में भी लागू करने की मांग की गयी है।

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