जमशेदपुर : सरायकेला-खरसावां पुलिस ने आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव, समाजसेवी, ईचागढ़ विधानसभा के पूर्व आजसू प्रत्याशी को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दीघा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ईचागढ़ के इस लाल पर लॉकडाउन के उल्लंघन और पुलिस पर हमले के लिए भीड़ काे उकसाने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि बीते 23 अप्रैल को जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के बामनी गांव में चडक मेला का आयोजन किया गया था। मेले में स्थानीय ग्रामीणों की काफी भीड़ जुटी थी। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंच कर स्थानीय लोगों को मेला को बंद करने को कहा। इसके बाद ग्रामीण और पुलिस के बीच विवाद शुरू हो गया। इसी बीच आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों की दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई की। जिसमें थानेदार सहित कई पुलिसकर्मी के घायल होने की खबरें आई थी। इस घटना को लेकर हरेलाल महतो के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। हरेलाल महतो की गिरफ्तारी से समूचा आदिवासी समुदाय गुस्से में है। स्थानीय लोग इसे विरोधियों की साजिश बता रहे हैं। उनका कहना है कि कार्यक्रम में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। केवल कार्यक्रम का उद्घाटन करना गलत कैसे हो सकता है। यह पारंपरिक आयोजन था, जिसमें अतिथि रूप में थोड़ी देर के लिए गए हरेलाल महतो गए थे। कुछ लोग इसे आपसी रंंजिश भी करार दे रहें है। लोगों का कहना है कि ईचागढ़ विधानसभा में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही थी। विरोधियों की पार्टी का साथ छोड़कर कईयों ने आजसू का दामन थामा था। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में हरेलाल महतो ने आजसू के टिकट पर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। हालांकि वह यह चुनाव जीत नहीं सके थे। गिडडू महतो, सुमित महतो, मनोज महतो, अनिल महतो का कहना है कि हरेलाल महतो को इस मामले में फंसाया जा रहा है। उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। जनसेवा के कार्यो में हमेशा उनकी भूमिका रही है। लोगों को जब भी उनकी जरूरत रही है उन्होनें हमेशा बढ़ चढ़कर योगदान किया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि झूठे मुकदमे से आजसू नहीं डरती है, जोरदार आंदोलन को तैयार है। यह गिरफ्तारी केवल राजनीतिक दबाव में किया गया है। हरेलाल महतो को एक ऐसी घटना में आरोपी बनाया गया है, जहां वह उपस्थित ही नहीं थे। विरोधियों की इस साजिश को ईचागढ़ की जनता भलीभांति समझ गई है।