प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण देर रात भगदड़ मच गई। यह हादसा रात करीब 1 बजे हुआ, जब श्रद्धालु मुख्य संगम पर स्नान करने की जिद करने लगे। तेजी से बढ़ती भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। भगदड़ के दौरान कई श्रद्धालु गिर पड़े और कुछ महिलाओं का दम घुटने लगा, जिससे स्थिति और भयावह हो गई।
घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया
इस भगदड़ में करीब 20-25 लोग घायल हो गए, जिन्हें तुरंत एंबुलेंस के जरिए महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे में लोकल-18 के रिपोर्टर भी घायल हुए, जो किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से निकलने में सफल रहे।
भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन का एक्शन
भगदड़ के बाद प्रशासन ने महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण के लिए क्राउड डायवर्जन प्लान लागू किया है। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की एंट्री फिलहाल रोक दी गई है और शहर के बाहर ही भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है।
आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर की अपील
इस घटना के बाद आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे केवल संगम घाट पर स्नान करने की जिद न करें। उन्होंने कहा, “पूरी गंगा और यमुना इस समय अमृत हैं, भक्तों को अन्य घाटों पर भी स्नान करना चाहिए।”
पीएम मोदी और सीएम योगी ने की समीक्षा
महाकुंभ में भगदड़ की खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर हालात की समीक्षा की और तत्काल राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्य सरकार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
अखाड़ा परिषद ने किया अमृत स्नान रद्द
भगदड़ के मद्देनजर अखाड़ा परिषद ने मौनी अमावस्या के अवसर पर होने वाले अमृत स्नान को रद्द करने का ऐलान किया है। इस घटना पर विपक्ष ने प्रशासन को लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया है।
फिलहाल, प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और घायलों का इलाज जारी है।