मिरर मीडिया : उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी वरुण रंजन ने आज बैंक से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान किसान क्रेडिट कार्ड, किसान ऋण माफी योजना, पीएमईजीपी, पीएमएफएमई की समीक्षा करते हुए कहा कि इन योजनाओं का समय सीमा में लक्ष्य हासिल करना बैंकों की सामूहिक जिम्मेदारी और सरकार के प्रति प्रतिबद्धता है। ये सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाएं है। इसके लिए बैंक अतिरिक्त मानव बल लगाकर समय पर लक्ष्य को हासिल करे।
उन्होंने कहा कि योजना को क्रियान्वित करने में कोई समस्या आती हो तो बैंक उसे जिला प्रशासन के समक्ष रखें। जिला प्रशासन समस्या का समाधान करने में हर संभव सहायता प्रदान करेगा। यदि कोई समस्या नहीं है तो समर्पित होकर कार्य को पूरा करें।
बैठक के दौरान बैंकों के प्रतिनिधियों ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड में अधुरे आवेदन प्राप्त होते हैं। वहीं पीएमईजीपी और पीएमएफएमई के लिए आवेदन के साथ क्वोटेशन नहीं रहना, कस्टमर का बैंक में नहीं आना, योजना के लिए नगद राशि की मांग करना, प्रोजेक्ट रिपोर्ट व्यवहार्य नहीं होना, 700 से कम सिबिल स्कोर के कारण आवेदन अस्वीकृत हो जाते हैं।
बैंकों की समस्या सुनने के बाद उपायुक्त ने जिला कृषि पदाधिकारी को केसीसी आवेदनों को बैंक भेजने से पहले चेक लिस्ट के अनुसार जांच करने तथा जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को बैंक में आवेदन जमा करने से पहले लाभुक का सिबिल स्कोर, आवेदन के साथ क्वोटेशन सहित अन्य आवश्यक कागजात की जांच कर बैंक भेजने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि केसीसी के लिए आधे अधूरे आवेदन बैंक में जमा करने पर संबंधित प्रखंड समन्वयक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं हर बैंक में प्रत्येक मंगलवार को दोपहर 3:00 से 4:00 बजे का समय पीएमईजीपी व पीएमएफएमई के आवेदक के लिए निर्धारित किया गया है। जिसमें आवेदक बैंक जाकर जो भी आवश्यक औपचारिकताएं होगी उसे पूरा करेंगे।
बैठक में उपायुक्त वरुण रंजन, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, अग्रणी जिला प्रबंधक राजेश कुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक निर्मल पांडेय, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक राजेंद्र कुमार सहित विभिन्न बैंकों के प्रबंधक व प्रतिनिधि मौजूद थे।