डिजिटल डेस्क/कोलकाता : दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने कहा कि केंद्र सरकार दामोदर नदी में ड्रेजिंग के बारे में विचार कर रही है। डीवीसी के कार्यकारी निदेशक सुमन प्रसाद सिंह ने बंगाल सरकार के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि राज्य को सूचित किए बिना पानी छोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पहले की तुलना में कम 35,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दक्षिण बंगाल के जिलों में आई बाढ़ के लिए डीवीसी को जिम्मेदार ठहराया है।
डीवीसी मुख्यालय पर तृणमूल का धरना
पार्टी नेता के निर्देश पर मंत्री मलय घटक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मैथन स्थित डीवीसी मुख्यालय पहुंचा और एक ज्ञापन सौंपा। अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मलय घटक ने आरोप लगाया कि बंगाल में ‘मानव निर्मित बाढ़’ आ रही है। उन्होंने कहा कि डीवीसी ने बंगाल को सूचित किए बिना बार-बार पानी छोड़ा है और दामोदर में 30-40 साल तक कोई ड्रेजिंग नहीं हुई है।
मलय घटक ने चेतावनी दी कि अगर डीवीसी के पानी छोड़े जाने से कोई नुकसान होता है या किसी की जान जाती है तो डीवीसी को मुआवजा देना होगा। इसी दिन मलय के नेतृत्व में तृणमूल ने झारखंड के मैथन स्थित डीवीसी मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया। इस विरोध प्रदर्शन में पश्चिम बर्द्धमान जिले के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती भी मौजूद थे।