चांडिल (सरायकेला): सरायकेला जिले के चांडिल शहरी क्षेत्र में एक विशाल ट्रस्कर हाथी ने शनिवार रात जमकर उत्पात मचाया। भोजन की तलाश में भटके इस हाथी ने रमेश चौधरी की दुकान का गेट तोड़कर अंदर रखा दो बोरा चावल अपना निवाला बना लिया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिससे इलाके में दहशत और बढ़ गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह हाथी बीते एक महीने से चांडिल वन क्षेत्र में लगातार सक्रिय था और पहले भी स्टेशन बस्ती, बाजार व दुर्गा मंदिर जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में नजर आ चुका है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी सूचना वन विभाग व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि झारखंड सरकार और वन विभाग हाथियों के आतंक से पीड़ित लोगों की सुध नहीं ले रहे। जिन गरीब किसानों और दुकानदारों की संपत्ति या अनाज नष्ट होता है, उन्हें समय पर मुआवजा तक नहीं मिलता। लोगों का गुस्सा इस बात पर भी है कि दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में पर्याप्त भोजन-पानी होने के बावजूद हाथियों का बार-बार गांवों और अब शहरों की ओर रुख करना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।
पिछले पांच वर्षों से दलमा गज परियोजना क्षेत्र से जंगली हाथियों के झुंड लगातार ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के जंगलों में डेरा जमाए हुए हैं। रात होते ही ये झुंड छोटे-छोटे समूहों में बंटकर आसपास के गांवों में उत्पात मचाते हैं। घरों में घुसकर अनाज खा जाते हैं और कई बार लोगों की जान को भी खतरा बन जाते हैं।
शनिवार की रात वन विभाग की ओर से एक ट्रस्कर हाथी को रसूनिया जंगल होते हुए दलमा सेंचुरी की ओर भगाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने चांडिल शहरी क्षेत्र में प्रवेश कर रमेश चौधरी की दुकान पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि वन विभाग व सरकार समय रहते कदम नहीं उठाते, तो किसी बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि जब जंगलों के संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, तो हाथियों का पलायन क्यों हो रहा है?