शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में राजद विधायक और पूर्व मंत्री आलोक मेहता के 16 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई वैशाली कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े करोड़ों के बैंक लोन घोटाले के मामले में की गई।
मामले की जानकारी
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी करोड़ों के संदिग्ध लेन-देन और बैंक लोन में अनियमितताओं की जांच को लेकर की गई। छापेमारी के दौरान ईडी की टीम ने अलग-अलग दस्तावेजों की जांच की। मामले से जुड़े लेन-देन में अनियमितताओं की बात सामने आई है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
तेजस्वी यादव के करीबी हैं आलोक मेहता
आलोक मेहता को बिहार में तेजस्वी यादव का बेहद करीबी माना जाता है। महागठबंधन सरकार के दौरान उन्हें राजस्व और भूमि सुधार विभाग का मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा, आरजेडी के कई महत्वपूर्ण फैसलों में भी आलोक मेहता की भूमिका मानी जाती है। वह समस्तीपुर के उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
राजनीतिक सरगर्मियां तेज
ईडी की इस कार्रवाई ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। राजद नेताओं ने इसे केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को दबाने की साजिश करार दिया है। वहीं, भाजपा नेताओं ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम बताया है।
बैंक घोटाले से जुड़े आरोप
वैशाली कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े इस मामले में करोड़ों रुपये के लोन मंजूरी और उनके उपयोग को लेकर गंभीर आरोप हैं। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस घोटाले में किन-किन व्यक्तियों की संलिप्तता है।
आगे की कार्रवाई पर नजर
ईडी की जांच और छापेमारी का दायरा बढ़ सकता है। इस मामले में आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।