रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड सरकार से पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की मांग की है। ईडी ने आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
कैसे हुई थी गिरफ्तारी?
पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से पूछताछ के बाद मिले तथ्यों के आधार पर की गई थी। वीरेंद्र राम ने स्वीकार किया था कि ग्रामीण विकास मंत्री सहित अन्य को विकास योजनाओं की राशि में कमीशन दिया जाता था।
ईडी ने इस खुलासे के बाद आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल और उनके करीबी जहांगीर आलम के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान जहांगीर आलम के ठिकानों से 32 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए, जिसका संबंध तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री से बताया गया था।
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
ईडी को संजीव लाल के ठिकानों से विकास योजनाओं में कमीशन की राशि वसूली का विस्तृत ब्योरा भी मिला। इसके बाद ईडी ने आलमगीर आलम को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। दूसरे दौर की पूछताछ के बाद 15 मई की रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
फिलहाल आलमगीर आलम, संजीव लाल और जहांगीर आलम जेल में हैं। ईडी ने सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी है, जिसके बाद उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।