आज, 7 जून 2025 को, भारत में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व पूरे उत्साह और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व इस्लाम धर्म में त्याग और बलिदान का प्रतीक है, जिसमें पैगंबर इब्राहिम की अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान की भावना को याद किया जाता है।
सुबह की नमाज के बाद, देशभर की मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित होकर विशेष नमाज अदा कर रहे हैं। इसके बाद, कुर्बानी की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें जानवरों की कुर्बानी दी जाती है और उसका मांस जरूरतमंदों, दोस्तों और परिजनों में बांटा जाता है।
लखनऊ समेत देश के विभिन्न शहरों में नमाज और कुर्बानी की तय समयसारणी बनाई गई है ताकि पर्व अनुशासित और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप संपन्न हो सके। प्रशासन और स्थानीय मुस्लिम समुदाय द्वारा बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि धार्मिक आध्यात्मिकता में कोई बाधा न आए।
हैदराबाद, कानपुर, मुंबई, भोपाल, पटना, जयपुर, कोलकाता, और अन्य शहरों में भी बकरीद की तैयारियां जोरों पर हैं। हैदराबाद के पुराने शहर, मेहदीपट्टनम और टॉलीचौकी जैसे इलाकों में बाजारों में रौनक है, जहां लोग कुर्बानी के लिए जानवर खरीदने में व्यस्त हैं। कानपुर में हलीम कॉलेज बकरी बाजार में जमनापारी, कोटा और बारबरी नस्ल के बकरों की मांग जोरों पर है, जिनकी कीमतें ₹10,000 से लेकर लाखों तक पहुंच रही हैं।