गुमला। समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला पुस्तकालय प्रबंधन समिति की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के सचिव एवं गुमला के पूर्व अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने जिले में प्रखंड स्तरीय पुस्तकालयों की स्थापना और उनके सुदृढ़ संचालन में अपनी अहम भूमिका को साझा किया।
बैठक में जिले के 12 प्रखंडों में संचालित पुस्तकालयों की वर्तमान स्थिति, संचालन व्यवस्था और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। गुप्ता ने बताया कि गुमला झारखंड का एकमात्र जिला है जहां हर प्रखंड में आधुनिक सुविधा युक्त पुस्तकालयों का संचालन हो रहा है। उन्होंने पुस्तकालयों के लिए बनाई गई रणनीति, नियमावली, संचालन समिति की सक्रियता और समुदाय की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इन पुस्तकालयों में अब तक 6000 से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनमें विशेष रूप से कक्षा 8वीं से 12वीं तक के छात्रों को ध्यान में रखते हुए कंप्यूटर, समाचार पत्र, प्रतियोगिता परीक्षा संबंधी सामग्री और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने का माध्यम है।”
गुप्ता ने यह भी उल्लेख किया कि उपायुक्त द्वारा प्रारंभ की गई ‘शिक्षा कर भेंट’ पहल ने गुमला की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाया है। इसी पहल की बदौलत गुमला जिला राज्य स्तरीय रैंकिंग में 22वें स्थान से उठकर 8वें स्थान तक पहुंचा है, जिसमें पुस्तकालयों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।
बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा, “पुस्तकालय केवल ईंट और पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के सशक्त केंद्र हैं।” उन्होंने प्रेरणादायक उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक बकरी पालने वाली महिला की बेटी आज IIT पटना में पढ़ रही है, जो नियमित रूप से पुस्तकालय का उपयोग करती थी।
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से अपील की कि वे पुस्तकालयों को केवल दायित्व नहीं, बल्कि पैशन के रूप में लें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पुस्तकालयों का दौरा करें, विद्यार्थियों से संवाद करें और जमीनी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पुस्तकालय संचालन समितियों को पुनः सक्रिय किया जाएगा। निष्क्रिय सदस्यों को हटाकर नए, जागरूक और सक्रिय सदस्यों को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही, “गिफ्ट ऑफ एजुकेशन” जैसे सामाजिक अभियानों के ज़रिए पुस्तकालयों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का भी निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी प्रखंड पुस्तकालयों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और वहां संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि जो नागरिक पुस्तकालयों के लिए कार्य कर रहे हैं, उन्हें सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ सुनिश्चित कराया जाए।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, DRDA निदेशक, भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी (चैनपुर व बसिया), जिला परिवहन पदाधिकारी, सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीओ, लाइब्रेरी अध्यक्ष व सचिव समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।