झाझा (जमुई)। नगर परिषद झाझा के पुरानी बाजार वार्ड संख्या 23 स्थित प्राथमिक विद्यालय मकतब पर अतिक्रमण का गंभीर मामला सामने आया है। इस विद्यालय के जर्जर भवन में वर्षों से मोटर वाहन की पंचर दुकान चलाई जा रही है। अब अतिक्रमणकारी विद्यालय की जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण कर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस गंभीर मुद्दे को लेकर ABVP छात्र नेता सूरज बरनवाल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही इस ज्ञापन की प्रतिलिपि आयुक्त मुंगेर, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक मुंगेर प्रमंडल, अपर मुख्य सचिव शिक्षा (बिहार सरकार), मुख्य सचिव (बिहार सरकार), शिक्षा मंत्री (भारत सरकार और बिहार सरकार), महामहिम राज्यपाल (बिहार), और प्रधानमंत्री कार्यालय (नई दिल्ली) को भी भेजी गई है।

विद्यालय भवन की पृष्ठभूमि
सूरज बरनवाल ने ज्ञापन में बताया कि प्राथमिक विद्यालय मकतब अत्यधिक जर्जर हो जाने के कारण 2017 में इसे अनुग्रह मध्य विद्यालय झाझा में अस्थाई रूप से स्थानांतरित कर दिया गया था। यह कार्रवाई तत्कालीन प्रधान सचिव आर.के. महाजन के निर्देश के अनुसार हुई थी, जिसमें राज्य के 1773 भवनहीन व जर्जर विद्यालयों को अन्य भवनयुक्त विद्यालयों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था। इसी क्रम में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी ने 15 फरवरी 2017 को 39 भवनहीन/भूमिहीन विद्यालयों को अन्य विद्यालयों में संविलियन करने का आदेश जारी किया था।
अतिक्रमण और पंचर दुकान का संचालन
ज्ञापन के अनुसार, इस जर्जर भवन में पिछले तीन वर्षों से मोटर वाहन की पंचर दुकान चलाई जा रही थी। यह पहले से ही अतिक्रमण का मामला था, लेकिन अब अतिक्रमणकारी विद्यालय की जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण कर रहे हैं। इससे न केवल सरकारी संपत्ति पर कब्जा हो रहा है, बल्कि शिक्षा के लिए आरक्षित स्थान का भी अपमान हो रहा है।
ABVP छात्र नेता सूरज कुमार की मांग
सूरज बरनवाल ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच कर अतिक्रमण हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी जमीन और शिक्षा से जुड़े केंद्रों पर इस प्रकार के अवैध कब्जे को रोकना अत्यंत आवश्यक है, ताकि शिक्षा का माहौल सुरक्षित और संरक्षित रह सके।
गौरतलब हैं कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र नेता सूरज बरनवाल ने कहा कि नगर परिषद झाझा अंतर्गत वार्ड संख्या 23 में प्राथमिक विद्यालय मकतब पुरानी बाजार जो वर्षों से जर्जर पड़ा हुआ है तथा इसकी मरमती स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक स्तर पर होना चाहिए था, ताकि यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान हो सके।उन्होंने आगे कहा कि ऐसे शिक्षा के केंद्र को अतिक्रमण करना बेहद ही निंदनीय है उन्होंनेशासन प्रशासन से मांग कि हैं कि अभिलंब इस ओर सकारात्मक पहल करें अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
उच्च अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपियां
सूरज बरनवाल ने इस मामले की प्रतिलिपि राज्य और केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों को भी भेजी है। इनमें आयुक्त मुंगेर, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक मुंगेर प्रमंडल, शिक्षा मंत्री (बिहार और भारत सरकार), महामहिम राज्यपाल (बिहार), मुख्य सचिव बिहार सरकार, और प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली शामिल हैं।
स्थानीय जनता में आक्रोश
इस मामले को लेकर स्थानीय जनता में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि शिक्षा के लिए आरक्षित भूमि पर इस तरह का अतिक्रमण सरकार की नीतियों और शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करता है।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस मामले में कार्रवाई करता है और अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।