डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन में गायत्री शक्ति पीठ द्वारा वाङ्ममय की स्थापना

Anupam Kumar
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जमशेडपुर।

गायत्री शक्ति पीठ द्वारा वाङ्ममय की स्थापना

गायत्री शक्ति पीठ द्वारा वाङ्ममय की स्थापना डीबीएमएस कौलेज औफ एजुकेशन जमशेदपुर में गायत्री शक्ति पीठ द्वारा वाङ्ममय स्थापना का कार्यक्रम आज संपन्न हुआ।इस कार्यक्रम में गायत्री शक्ति पीठ से आदरणीय शंभूनाथ दूबे जी ,सी. पी शर्मा जी तथा जितेंद्र नाथ सचान जी उपस्थित थे। इस अवसर पर डीबीएमएस कौलेज औफ एजुकेशन की सचिव श्रीमती शिवप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव श्रीमती उषा रामनाथन, प्राचार्या डॉ.जूही समर्पिता ,एच.ओ.डी.डा.सुमन शर्मा,अन्य सभी प्राध्यापिकाएं तथा छात्र और छात्राएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम का आरंभ करते हुए कौलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अरुण सज्जन ने गुरुदेव आचार्य श्रीराम शर्मा का परिचय देते हुए वाङमय का महत्व विस्तार पूर्वक बताया। समारोह का आरंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। गायत्री शक्ति पीठ के समर्पित सेवक भाई शंभूनाथ दूबे जी ने कौलेज की सचिव शिवप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव उषा रामनाथन, प्राचार्या डॉ.जूही समर्पिता, डॉ.सुमन शर्मा,तथा अन्य सभी प्राध्यापक और प्राध्यापिकाओं को गायत्री मंत्र अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया।अपने संबोधन में शंभूनाथ दूबे ने विस्तार से गुरुदेव का परिचय दिया और स्वाध्याय का महत्व छात्रों को बताया। उन्होंने कहा कि आज स्वाध्याय समाप्त होता जा रहा है,ऐसे में हम अपनी संस्कृति और भाषा से दूर होते जा रहे हैं। परिणामस्वरुप हम सब पाश्चात्य संस्कृति के मोहजाल में फंसते जा रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को उनके दायित्व का बोध कराया और कहा कि आप पीढ़ियों को निर्माण करने वाले शिक्षक -शिक्षिका हैं।आप कल के भविष्य को संवारने का कार्य करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है।समारोह के अंत में बी.एड.2022सत्र की छात्र प्रतिनिधि छात्रा मिलन जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सबको आभार व्यक्त किया।

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