लंबे इंतजार के बाद भी धनबादवासियों को नहीं मिली एक भी सीधी ट्रेन, शक्तिपुंज के लेटलतीफी से यात्रियों की बढ़ रही है परेशानी

Anupam Kumar
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धनबाद : लगातार 10 सालों में धनबाद स्टेशन को एक भी नई ट्रेन नहीं मिल पायी है। इसके पीछे का कारण धनबाद का लोडिंग डिवीजन होना है। इसी का दर्द धनबाद झेल रहा है।यही कारण है कि धनबाद से दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई समेत अन्य स्टेशनों के लिए सीधी ट्रेन नहीं मिल पा रही है।

इसी बीच रेल मंत्री ने भी इस पर मुहर लगा दी है कि आने वाले समय में भी धनबाद से नई दिल्ली समेत अन्य स्टेशनों के लिए सीधी ट्रेन मिलने की उम्मीद नहीं है।

बता दें कि 16 नवंबर पूर्व मध्य रेल के जीएम अनिल कुमार खंडेलवाल ने धनबाद को नई ट्रेन नहीं मिलने की ओर इशारा करते हुए कहा था कि धनबाद लोडिंग प्वाइंट है, इसलिए आसपास से ट्रेनें दी गयी हैं। यह हाल सिर्फ नई ट्रेन नहीं मिलने का है बल्कि धनबाद से ट्रेन छीने भी जा रहे हैं। धनबाद से हावड़ा के लिए चलायी गयी डबल डेकर व धनबाद- भुवनेश्वर गरीब रथ को बंद कर दिया गया है।वहीं धनबाद के मौर्या एक्सप्रेस को छीनकर रांची को दे दिया गया।हालांकि धनबाद से भुवनेश्वर के लिए स्पेशल ट्रेन चल रही है लेकिन किराया अधिक है।

दअरसल,धनबाद को 2013 के बाद एक भी नई ट्रेन नहीं मिली है।ऐसा नहीं है कि धनबाद से ट्रेनों की मांग नहीं होती,लेकिन बोर्ड से इसकी स्वीकृति नहीं मिल रही है।धनबाद स्टेशन से दिल्ली के लिए हर साल प्रस्ताव भेजा जाता है लेकिन अब तक ट्रेन नहीं मिली।
धनबाद-एलेप्पी एक्सप्रेस का क्लोन चलाने का प्रस्ताव भी बोर्ड को दिया गया।इसकी भी स्वीकृति नहीं मिली।
धनबाद को वंदे भारत ट्रेन भी नहीं दी गई। यहीं नहीं त्योहार के समय मिलने वाली स्पेशल ट्रेनों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं रही।

वहीं जो ट्रेनें धनबाद को मिली है वो भी अपने समय से काफ़ी विलंब पहुंच रहीं हैं। खास कर जबलपुर से हावड़ा तक जाने वाली शक्तिपुंज एक्सप्रेस इस ट्रेन का लेट होने का सिलसिला दिन –प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।हाल यह है कि धनबाद आनेवाली सबसे लेटलतीफ ट्रेनों की लिस्ट में शक्तिपुंज एक्सप्रेस का स्थान नंबर –1 है।

मालूम हो कि जबलपुर से हावड़ा जानेवाली शक्तिपुंज एक्सप्रेस पहले देर रात धनबाद और सुबह हावड़ा पहुंचती थी। उस दौरान भी ट्रेन अक्सर लेट होती थी। विलंब की रोकथाम के लिए पिछले वर्ष टाइम टेबल बदल दिया गया। देर रात के बदले शाम 5:50 पर धनबाद और रात 10:45 पर हावड़ा पहुंचने का समय निर्धारित किया गया। टाइम टेबल बदलने के बाद से इस ट्रेन की चाल और बिगड़ गई। पहले तो यात्री पूरी रात
नींद लेकर सुबह-सुबह हावड़ा पहुंचते थे। जो यात्रियों और कारोबारियों के लिए सुविधाजनक थी। हावड़ा पहुंच कर रात गुजारने के लिए होटल नहीं तलाशने पड़ते थे। लेकिन
अब पहले घंटों इंतजार करना पड़ता है। फिर देर रात हावड़ा पहुंच कर होटल भी तलाशनी पड़ती है। इसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों ने इस ट्रेन के समय को ठीक करने की मांग की है।

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