डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने अपनी हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर फोड़ा है। एमवीए नेताओं ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी नतीजों में गड़बड़ी का कारण बताया है। विपक्ष अब ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहा है।
ईवीएम-वीवीपैट से वोटों का मिलान करेंगे हारे हुए उम्मीदवार
एमवीए के हारे हुए उम्मीदवारों ने अपने क्षेत्रों में ईवीएम और वीवीपैट यूनिट से वोटों का मिलान कराने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि मतगणना में कोई अनियमितता न हुई हो।
बैलेट पेपर से चुनाव की मांग
एमवीए ने भविष्य के चुनावों में बैलेट पेपर का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की योजना बनाई है। उद्धव ठाकरे और अजित पवार ने बुधवार को एमवीए के पराजित उम्मीदवारों से मुलाकात की और राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी टीम बनाने पर सहमति जताई।
भाजपा महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत
इस चुनाव में भाजपा महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 288 में से 235 सीटें हासिल कीं। भाजपा ने अकेले 132 सीटें जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अगली सरकार के गठन की तैयारी में जुट गई है।
एमवीए को झटका, ऐतिहासिक हार
एमवीए केवल 49 सीटों पर सिमट गई, जिसमें ठाकरे सेना को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार गुट की एनसीपी को मात्र 10 सीटें मिलीं। यह एमवीए का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन माना जा रहा है।
एनसीपी का आरोप: मतगणना में गड़बड़ी
एनसीपी के वरिष्ठ नेता, जिनमें रोहित पवार भी शामिल हैं, ने मतगणना प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने वीवीपीएटी डेटा का विश्लेषण करने की मांग करते हुए चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
एमवीए अपनी हार से उबरने और भविष्य में मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ने के लिए विरोध और कानूनी लड़ाई के जरिए अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह होगा कि ईवीएम विवाद को लेकर विपक्ष कितना प्रभावशाली विरोध दर्ज कर पाता है।
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