टाटानगर स्टेशन के बाहर सीएनजी ऑटो में धमाका, लगातार आग की घटनाएं, सुरक्षा चूक या तकनीकी खराबी?

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर: झारखंड के व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में शुमार टाटानगर जंक्शन के बाहर महज तीन दिनों के अंदर तीसरी आग की घटना ने सुरक्षा विशेषज्ञों और यात्रियों के बीच चिंता की लकीरें खींच दी हैं। सोमवार सुबह सीएनजी ऑटो में लगी आग और उसके बाद हुए दो जोरदार धमाकों ने पूरे इलाके को दहला दिया। इससे पहले शनिवार को एक कार धू-धू से जल गई, जबकि रविवार को एक अन्य ऑटो में भी चिंगारी भड़क उठी। इन घटनाओं से सवाल उठ रहे हैं—क्या स्टेशन के बाहर पार्किंग और आवागमन क्षेत्र में कोई गंभीर सुरक्षा लापरवाही है? या फिर वाहनों की तकनीकी खराबी ही मुख्य कारण? दमकल और रेल प्रशासन की जुट रही टीमों ने अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया, लेकिन स्थानीय लोग आग का सिलसिला रोकने की मांग कर रहे हैं।

सीएनजी ऑटो बना आग का गोला, दो धमाकों से मचा हड़कंप

सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे टाटानगर रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के ठीक बाहर एक सीएनजी ऑटो में अचानक चिंगारी भड़क उठी। कीताडीह निवासी चालक पवन राय यात्रियों को लेकर स्टेशन की ओर आ रहे थे, जब आसपास के लोगों ने ऑटो के नीचे से निकलती चिंगारी देखी और चालक को चेतावनी दी। कुछ ही पलों में धुआं उड़ने लगा और आग की लपटें भड़क उठीं। सौभाग्य से चालक और यात्री समय रहते उतर भागे, लेकिन आग तेज होते ही सीएनजी सिलेंडर फटने से एक के बाद एक दो धमाके हो गए। धमाकों की गूंज इतनी तेज थी कि स्टेशन परिसर से लेकर सड़क तक अफरा-तफरी मच गई—लोग चीखते-चिल्लाते इधर-उधर भागे, जबकि कुछ देर के लिए यातायात ठप हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी, आरपीएफ, पीसीआर वैन और दमकल विभाग की एक फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। राहत की बात यह रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। ऑटो पूरी तरह जलकर खाक हो गया। पुलिस और दमकल टीम अब आग के सटीक कारणों की जांच में जुटी हैं—प्रारंभिक आशंका इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट या सीएनजी किट की खराबी की है।

तीन दिनों में तीन हादसे
यह घटना टाटानगर स्टेशन के बाहर आग की तीसरी घटना है, जो महज 72 घंटों में हुई।

  • शनिवार सुबह (22 नवंबर): स्टेशन के आउट गेट के पास पार्किंग में खड़ी होंडा जैज़ कार (JH 05 BN 5846) में अचानक आग लग गई। गम्हरिया निवासी श्रीनिवास नायक अपनी पत्नी और बेटे के साथ बेटे को दुरंतो एक्सप्रेस में बिठाने आए थे। कार को गेट के पास खड़ा कर वे प्लेटफॉर्म चले गए। इसी दौरान कार धू-धू जलने लगी। यात्रियों में दहशत फैल गई—लोग धमाके के डर से भागे। दमकल की एक गाड़ी और जेसीबी की मदद से आधे घंटे में आग बुझाई गई। कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मालिक का अनुमान: शॉर्ट सर्किट। कोई चोट नहीं लगी।
  • रविवार (23 नवंबर): स्टेशन के चाईबासा स्टैंड के पास एक अन्य ऑटो में चिंगारी भड़क उठी। चालक और दो यात्री सवार थे, लेकिन सभी ने समय रहते कूदकर जान बचा ली। बागबेड़ा पुलिस और दमकल ने आग बुझाई। ऑटो जलकर राख हो गया। कारण: संभवतः इलेक्ट्रिकल फॉल्ट।

टाटानगर जंक्शन देश के 10वें सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है, जहां प्रतिदिन 200 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और लाखों यात्री आते-जाते हैं। लेकिन स्टेशन के बाहर अनियमित पार्किंग, भीड़भाड़ और पुरानी वायरिंग ने सुरक्षा को दांव पर लगा दिया है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि गेट के पास अक्सर वाहन बिना चेकिंग के खड़े हो जाते हैं, और सीएनजी वाहनों की बढ़ती संख्या ने जोखिम दोगुना कर दिया। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि स्टेशन परिसर में फायर टेंडर तैनात है, लेकिन बाहर के क्षेत्र में स्थानीय पुलिस और दमकल पर निर्भरता है। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।

क्या करें यात्री? सावधानियां जो बचाएं जान

  • वाहन खड़ा करने से पहले इलेक्ट्रिकल सिस्टम चेक करवाएं।
  • सीएनजी किट की वार्षिक सर्विस अनिवार्य रखें।
  • स्टेशन क्षेत्र में भीड़ से बचें, धमाके के दौरान नीचे झुकें।
  • इमरजेंसी में 100 (पुलिस) या 101 (दमकल) डायल करें।

यह सिलसिला अगर न रुका तो स्टेशन की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होते ही कड़े कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, स्टेशन परिसर सामान्य हो चुका है, लेकिन यात्रियों के मन में डर बरकरार है।

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