आयुष्मान अस्पताल में 1.10 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा, फर्जी स्टेटमेंट और रसीदें बरामद

KK Sagar
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रांची: झारखंड की राजधानी रांची में आयुष्मान अस्पताल में 1.10 करोड़ रुपये की गड़बड़ी और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। असलम प्रशासन ने अस्पताल के मैनेजर समेत कई अन्य पर टीपीए (थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर) एजेंसी को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।

फर्जी बिलिंग और दस्तावेजों से हुआ घोटाला

जांच में सामने आया कि अस्पताल में 82 मृतकों के बाद भी उनके नाम पर पोर्टल पर अपलोडिंग जारी रही। इन मृतकों के नाम पर इलाज के नाम पर फर्जी बिल तैयार किए गए और भुगतान का दावा किया गया।

अस्पताल के इनचार्ज मैनेजर संजीव सिंह पर आरोप है कि उन्होंने टीपीए को गुमराह कर 1.10 करोड़ रुपये का गलत भुगतान लिया। जब आयुष्मान भारत की टीम ने इसकी जांच की तो कई फर्जी स्टेटमेंट और दस्तावेज बरामद हुए।

मरीजों से भी की गई ठगी

अस्पताल के कुछ मरीजों से इलाज के लिए पैसे भी लिए गए, जबकि उनके इलाज का खर्च आयुष्मान योजना के तहत कवर था। मरीजों को इस धोखाधड़ी की जानकारी नहीं थी और उनसे 50,000 से 18,000 रुपये तक की रकम वसूली गई।

बायोमेट्रिक मशीन का गलत इस्तेमाल

जांच में यह भी सामने आया कि अस्पताल में खरीदी गई बायोमेट्रिक मशीन का भी गलत इस्तेमाल किया गया। मरीजों के फिंगरप्रिंट लेकर उनके नाम पर फर्जी तरीके से इलाज का बिल बनाया गया।

कार्रवाई जारी, अस्पताल पर कड़ी नजर

इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगे हैं, और जांच एजेंसियां मामले की विस्तृत पड़ताल कर रही हैं। पुलिस और प्रशासन ने अस्पताल पर कड़ी नजर रखी है और भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।

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