धनबाद के वासेपुर की गलियों में एक बार फिर गूंजने जा रहा है वह नाम, जिसने दो दशक पहले इस इलाके को दहला दिया था — कुख्यात गैंगस्टर फहीम खान। झारखंड हाईकोर्ट ने शनिवार को उसे बड़ी राहत देते हुए जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया।
⚖️ हाईकोर्ट ने छह हफ्ते में रिहाई के दिए निर्देश
जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर रिहाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल 75 वर्षीय फहीम खान जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद है और वासेपुर के सगीर हसन सिद्दीकी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा था।
🏥 उम्र और बीमारी का हवाला देकर मांगी थी राहत
फहीम खान ने अदालत से उम्र और गंभीर बीमारियों, जिनमें दिल और किडनी की परेशानी शामिल हैं, का हवाला देते हुए रिहाई की मांग की थी। उसकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने की।
🚫 पहले रिव्यू बोर्ड ने किया था इनकार
राज्य सरकार के रिव्यू बोर्ड ने पहले फहीम खान की रिहाई से इनकार करते हुए कहा था कि वह “समाज के लिए खतरा” है। हालांकि, हाईकोर्ट ने उसकी दलीलों पर विचार करने के बाद इस निर्णय को पलटते हुए रिहाई का आदेश दे दिया।
👨👩👦 परिवार में खुशी की लहर
हाईकोर्ट के फैसले के बाद फहीम खान के परिवार में खुशी की लहर है। बेटे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम न्यायालय के आभारी हैं, जिन्होंने इंसाफ दिया।”
📜 1989 से जुड़ा है नाम वासेपुर के खून-खराबे से
बता दें, फहीम खान का नाम पहली बार 1989 के वासेपुर हत्याकांड में सामने आया था। इसी केस में उसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

