मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध 57 संकाय सदस्यों ने आईआईटी (आईएसएम), धनबाद के कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग में एकत्रित होकर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं पर ज्ञान प्राप्त किया। ब्लॉकचेन, जो एक उभरता हुआ डेटाबेस मैकेनिज्म है, लेनदेन को रिकॉर्ड करने और संपत्ति पर नज़र रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह अवसर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) के उद्घाटन का था, जिसका आयोजन आईआईटी (आईएसएम) के कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की एक प्रायोजित परियोजना के अंतर्गत किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संकाय सदस्यों को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की मूल अवधारणाओं और इसके विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे वित्त, स्वास्थ्य देखभाल और आपूर्ति श्रृंखला में उपयोग के बारे में सशक्त बनाना है।
आईआईटी (आईएसएम) के कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और एफडीपी के समन्वयक प्रो. धारावत रमेश ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के विविध और महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों की समझ प्रदान की जाएगी।
प्रो. सचिन त्रिपाठी, कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग, ने जानकारी दी कि यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आई. एस. ई. ए.) कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “आईएसईए के तहत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों का उद्देश्य सूचना सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और नेटवर्क सुरक्षा तथा मल्टीमीडिया सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है।”
प्रो. चिरंजीव कुमार, प्रमुख, कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग, ने अपने संबोधन में विभाग के इतिहास और उपलब्ध पाठ्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस एफडीपी का अधिकतम लाभ उठाकर संबंधित क्षेत्र में अपने ज्ञान का विस्तार करें।
पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी ब्लॉकचेन की मौलिक अवधारणाओं के साथ-साथ इसके विविध अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।