जमशेदपुर : जिला उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में जिला टी.बी फोरम की पहली बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला टास्क फोर्स का गठन किया गया। जिसमें उपायुक्त अध्यक्ष, सीईओ जिला परिषद उपाध्यक्ष तथा सदस्य के रूप में जिला विकास पदाधिकारी, सिविल सर्जन, WHO के प्रतिनिधि- टीबी कंसल्टेंट, टी.ए.आई के प्रतिनिधि, जिला अध्यक्ष आईएमए मीडिया के प्रतिनिधि, अधिवक्ता, जिला परिषद उपाध्यक्ष, कॉर्पोरेट के प्रतिनिधि समेत 7 अन्य प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
जिला उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि महान वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच द्वारा सन 1882 में टीबी के बैक्टीरिया के बारे में सर्वप्रथम जानकारी विश्व को दी गई थी। केन्द्र सरकार ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया है। यह तभी संभव है जब लोग जागरूक हों, हमें समुदाय को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है। ताकि वह क्षय रोग के लक्षण दिखने पर स्वयं जांच के लिए आगे आयें। जिला उपायुक्त ने कहा कि टीबी के उन्मूलन के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है। उन्होने स्कूल, कॉलेज, पंचायत से लेकर गांव स्तर पर वृहद जनभागीदारी( जिसमें आम जन से लेकर जनप्रतिनिधि, कॉर्पोरेट वर्ग, चिकित्सक, शिक्षित वर्ग, विशेषज्ञ आदि शामिल हों) सुनिश्तित करने के निर्देश दिए। जिला उपायुक्त ने कहा कि टीबी को लेकर महिलाओं का जागरूक होना काफी जरूरी है। महिलायें अपने परिवार की रीढ़ होती हैं जो सभी सदस्यों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर काफी संवेदनशील रहती हैं। उन्होने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को टी.बी रोगियों की पहचान, समुदायों में टीबी संक्रमण की जानकारी तथा रोकथाम को लेकर कार्ययोजना बनाकर अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में टी.बी उन्मूलन को लेकर जागरूकता के लिए निजी संस्थानों का सहयोग बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। साथ ही यक्ष्मा(टीबी) मरीज व उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने पर विमर्श किया गया। टीबी चैम्पियन(उपचार के बाद टीबी रोग से मुक्त हो चुके) का टीबी मुक्त अभियान में भी भागीदारी सुनिश्चित करने तथा सहयोग लेने का निदेश दिया गया। बैठक में उपायुक्त द्वारा जिले में नोडल डीआरटीबी खोलने को लेकर राज्य मुख्यालय से पत्राचार करते हुए यथोचित कार्रवाई को लेकर आश्वस्त किया गया। उन्होने कहा कि टी.बी फोरम की बैठक प्रत्येक छह महीने में सुनिश्चित की जाएगी। ताकि अभियान के तहत हुई अपेक्षित प्रगति पर नजर रखी जा सके।
जिला उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक टीबी के प्रति जनजागरूकता लाना है। उन्होने बताया कि जहां आबादी घनत्व ज्यादा है वैसे स्थानों में इसके प्रसार की अधिक संभावना होती है। कोरोना ने हमें सिखाया है कि बिना एहतियात बरते(मुंह को हाथ/कपड़े से ढकना) छींकना या खांसना कितना घातक है। ऐसे में इस संक्रामक रोग से बचाव के लिए अपील है कि लोग एहतियात जरूर बरतें। बीमारी को सिर्फ बीमारी मानकर इलाज करायें, भ्रांतियां न फैलायें तथा पीड़ित व्यक्ति से अछूत सा व्यवहार नहीं करें, यह किसी को भी हो सकता है। अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें तथा नियमित अंतराल में अपने हाथों को साफ पानी से धोयें या सैनिटाइज करें।
वहीं सिविल सर्जन डॉ. ए.के लाल ने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि समय से क्षयरोग की पहचान की जाए। क्षय रोग के मुख्य पांच लक्षण हैं दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना, बुखार आना, वजन में लगातार कमी आना, रात में पसीना आना और भूख न लगना। यदि इन लक्षणों को समय से पहचान लें तो नियमित इलाज से यह रोग पूर्णतया ठीक हो सकता है।