जमशेदपुर। 16 दिनों तक चलने वाला गणगौर उत्सव गुरुवार को विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। जमशेदपुर के हर क्षेत्र से मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने स्वर्णरेखा नदी में गणगौर को विसर्जित किया। कोविड से बचाव के नियमों का पालन करते हुए ठाकुरबाड़ी मंदिर में सोमवार सुबह 7.30 बजे से मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा की ओर से आयोजित गणगौर पूजन में सोलह शृंगार कर महिलाएं शामिल हुईं। महिलाओं ने गणगौर का भजन गाते हुए परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। सुहागन महिलाओं ने अपने सुहाग की मंगल कामना व अपार प्रेम पाने के लिए और कुंवारी युवतियां मनपसंद पति पाने की कामना को लेकर मां पार्वती की पूजा गणगौर माता और भगवान शिव की पूजा ईशर जी के रूप में की। इसके बाद माता गौरी को भोग लगाया। फिर कथा सुनकर चढ़ाए हुए सिंदूर से महिलाओं ने अपनी मांग भरा। मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा की ओर से पूजा के लिए फूल, दुब समेत ईसर-गणगौर की भव्य प्रतिमा रखी गई थी। संध्या साढ़े चार बजे से महिलाएं अपने अपने पूजन की गई गणगौर की प्रतिमा को लेकर स्वर्णरेखा नदी पहुँची और विसर्जित किया। सोलह शृंगार कर महिलाएं शामिल हुईं। नव विवाहित महिलाओं को समाज द्वारा सम्मानित किया गया है। इसे सफल बनाने में महावीर प्रसाद मोदी, सुरेश कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सन्नी संघी, अशोक भालोटिया, अशोक मोदी, अरुण गुप्ता, संदीप मुरारका, संतोष अग्रवाल, मुकेश मित्तल, राजकुमार चंदुका, मुरारी अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, निर्मल पटवारी, मनोज मुनका, गौरव अग्रवाल, सतीश शर्मा आदि का योगदान रहा।