नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। एम्स की ओर से जारी बयान के अनुसार, उन्हें शाम 8:06 बजे सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। आईसीयू में इलाज के बावजूद, रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में अविभाजित भारत के पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। भारत विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। डॉ. सिंह ने अपनी शिक्षा कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से पूरी की और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई।

राजनीतिक जीवन और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनकी अगुवाई में भारत ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान, उनकी समझदारीपूर्ण नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखा। प्रधानमंत्री बनने से पहले वे वित्त मंत्री, वित्त सचिव और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे।
नरसिम्हा राव सरकार के दौरान 1991 में जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली।
स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां
डॉ. सिंह पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बार सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें एम्स में भर्ती किया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
राष्ट्रीय शोक
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। उनके नेतृत्व और योगदान को भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, और अन्य प्रमुख नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत
उनकी सादगी, विद्वता और दूरदर्शी नेतृत्व ने उन्हें भारतीय राजनीति का एक आदर्श चेहरा बनाया। उनके कार्यकाल में शुरू की गई योजनाएं और नीतियां आने वाले वर्षों तक भारतीय समाज को प्रभावित करती रहेंगी।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश ने एक महान नेता, अर्थशास्त्री, और इंसान को खो दिया। उनके योगदान को याद करते हुए पूरा देश उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।