प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक नीतियों में सलाह देने वाली नई आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council to the PM – EAC-PM) की घोषणा कर दी है। इस बार इस परिषद में दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (DSE) के चार विशेषज्ञों को जगह दी गई है, जो कि DU के लिए एक बड़ा सम्मान माना जा रहा है।
🏛️ कौन-कौन शामिल हुए हैं परिषद में?
- प्रो. एस. महेन्द्र देव
पूर्व चेयरमैन, कृषि आयोग
DSE के पूर्व छात्र
अब नए चेयरपर्सन बनाए गए हैं इस परिषद के
- प्रो. पम्मी दुआ
पूर्व निदेशक, दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स
आर्थिक नीतियों की जानकार
- डॉ. शमिका रवि
वर्तमान में परिषद की पूर्णकालिक सदस्य
DSE की पूर्व छात्रा
अर्थव्यवस्था पर गहन शोधकर्ता
- प्रो. चेतन घाटे
पूर्व में RBI की मौद्रिक नीति समिति के सदस्य
अब नई परिषद के सदस्य
📌 क्या है इस परिषद की भूमिका?
यह परिषद प्रधानमंत्री को नीतिगत आर्थिक सलाह देने का कार्य करती है। इसमें शामिल विशेषज्ञ अर्थव्यवस्था से जुड़े विषयों जैसे विकास दर, महंगाई, रोजगार, बजट और निवेश पर सरकार को दिशा देते हैं।
🎓 DU‑DSE में खुशी की लहर
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इसे “DU के लिए गौरव का क्षण” बताया। उन्होंने कहा,
“हमारे पूर्व छात्रों की विशेषज्ञता का सम्मान पूरे देश के लिए प्रेरणा है।”
वहीं, DSE और स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के निदेशक प्रो. राम सिंह ने कहा कि यह नियुक्तियां नीतियों में बौद्धिक गुणवत्ता को और मजबूत करेंगी।
🔍 पिछली परिषद बनाम नई परिषद
पिछली परिषद में भाजपा प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ जैसे राजनीतिक चेहरों को जगह मिली थी।
इस बार ज़ोर शुद्ध अकादमिक विशेषज्ञता पर रहा है।
नई परिषद का कार्यकाल दो साल का होगा या अगले आदेश तक मान्य रहेगा।