देश: किसानों के अलग –अलग मांगो को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई चौथी वार्ता विफल हो चुकी है। किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।जिसके बाद अब किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने का फैसला कर लिया है।
वहीं,किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रही है और किसानों को दिल्ली जाने की इजाजत मिलनी चाहिए।
सरकार की मंशा बहुत स्पष्ट थी कि वे हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे। यदि आप किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से समाधान नहीं निकालना चाहते हैं तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए। जब हम दिल्ली की ओर बढ़े, गोलाबारी हुई। ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां भी चलाई गईं।
सरवन सिंह पंढेर ने आगे कहा,”हरियाणा के डीजीपी ने कहा है कि वे किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हम इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा की मांग करते हैं… गलत बयान भी दिए जा रहे हैं…हरियाणा में हालात कश्मीर जैसे हैं। हम 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है ताकि हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं। इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी अब जो भी हो।
मालूम हो कि केंद्र द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीदने का प्रस्ताव लाए जाने के बाद किसानों ने सोमवार शाम को यह कहते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया कि इसमें उनके लिए कुछ नहीं है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि चर्चा के बाद मंचों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
किसान नेता ने आगे कहा कि अगर सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं दे रही है, तो इसका मतलब है कि देश के किसानों को लूटा जाता रहेगा। यह स्वीकार्य नहीं है।