झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर राज्य में बदल रही डेमोग्राफी का मुद्दा छा गया। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा पोर्टिको में जोरदार नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और रोकथाम की मांग उठाई। नारेबाजी से विधानसभा परिसर गूंज उठा।
मरांडी का सरकार पर हमला
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की हर विधानसभा में डेमोग्राफी सुनियोजित तरीके से बदली जा रही है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का विरोध किए जाने की आलोचना की। मरांडी ने सवाल उठाया कि आखिर विपक्ष SIR का विरोध क्यों कर रहा है और इसका विकल्प क्या होना चाहिए।
विपक्षी मांगों की अनदेखी का आरोप
मरांडी ने कहा कि सरकार यदि विपक्ष के सवालों का जवाब ही नहीं देगी, तो सदन कैसे चलेगा। उन्होंने बताया कि विपक्ष ने सूर्या हांसदा संदेहास्पद एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच और नगड़ी की जमीन किसानों को लौटाने की मांग की थी, लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना था कि “हम अपनी आवाज सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह उठाएंगे।”
“सही वोटर की सूची में जगह जरूरी”
भाजपा के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा कि SIR का विरोध करना गलत है। चुनाव के वक्त बड़ी संख्या में वोटर नजर आते हैं, जबकि बाकी समय गायब रहते हैं। भाजपा की मांग केवल यह है कि सही वोटर का नाम सूची में रहे और फर्जी वोटरों का नाम हटाया जाए।
“बांग्लादेशियों की बढ़ती संख्या पर चिंता”
जायसवाल ने कहा कि वोटर आईडी नागरिकता की सबसे बड़ी पहचान है और यह देश की सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। अवैध रूप से रह रहे लोगों को डिलीट नहीं, बल्कि डिपोर्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में तेजी से बांग्लादेशियों की संख्या बढ़ रही है। “चौक-चौराहों पर मजदूरी करने वालों से पूछिए, वे बताएंगे कि यह लोग बांग्लादेशी हैं और बाहर से आकर यहां बसे हुए हैं।”
सदन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने लिखा कि “राज्य सरकार द्वारा झारखंड निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का अपमान तथा स्वास्थ्य व शिक्षण संस्थानों के राजनीतिकरण के विरोध में आज सदन के बाहर साथी विधायकों के साथ प्रदर्शन किया।”