नई दिल्ली: लोकसभा में आज यानी बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 130वां संविधान संशोधन बिल पेश करेंगे। राजनीति में अपराध पर नकेल कसने की दिशा में सरकार का यह कदम ऐतिहासिक माना जा रहा है। इस कानून के दायरे में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रियों तक सभी जनप्रतिनिधि आएंगे। बिल के प्रावधान के तहत यदि कोई मंत्री या मुख्यमंत्री गिरफ्तार या न्यायिक हिरासत में जाता है, तो उसे पद से हटाया जा सकेगा।
30 दिन की न्यायिक हिरासत पर जाएगी मंत्री की कुर्सी
बिल के मुताबिक, यदि कोई मंत्री लगातार 30 दिन तक गंभीर अपराध (5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध) के आरोप में जेल में रहता है, तो उसका पद अपने आप समाप्त हो जाएगा। यही प्रावधान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर भी लागू होगा। यदि वे इस्तीफा नहीं देते, तो 31वें दिन से उनका पद स्वतः खत्म हो जाएगा।
अनुच्छेद 75 और 164 में संशोधन का प्रस्ताव
- अनुच्छेद 75 (केंद्र सरकार):
इसमें नया उपबंध (5A) जोड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री या मंत्री यदि 30 दिन तक गंभीर अपराध में जेल में हैं, तो उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा।
रिहाई के बाद राष्ट्रपति चाहे तो उन्हें पुनः पद पर नियुक्त कर सकते हैं।
- अनुच्छेद 164 (राज्य सरकार):
इसमें नया उपबंध (4A) जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री या मंत्री 30 दिन तक जेल में रहने पर पद से हट जाएंगे।
रिहाई के बाद राज्यपाल चाहे तो उन्हें दोबारा पद पर बहाल कर सकते हैं।
लोकसभा में हंगामे के आसार
इस बिल के पेश होते ही लोकसभा में जोरदार बहस और हंगामे के आसार हैं। हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह इसे पेश करने के बाद संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश करेंगे।