G7 समिट 2025: कनाडा में वैश्विक नेताओं से मिले पीएम मोदी, आतंकवाद और ग्लोबल साउथ पर दिया मजबूत संदेश

KK Sagar
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कनाडा के Kananaskis में आयोजित हुए 51वें G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया बल्कि कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा भी दी। 16 से 17 जून 2025 तक चले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, ग्लोबल साउथ, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक समन्वय जैसे अहम मुद्दों पर भारत का पक्ष प्रभावी ढंग से रखा।

🔹 भारत-कनाडा संबंधों में बड़ी पहल: हाई कमिश्नर की वापसी

सबसे चर्चित घटनाक्रम रहा प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने पर सहमति बनी।

दोनों देशों ने नई दिल्ली और ओटावा में उच्चायुक्तों की पुनर्नियुक्ति का फैसला किया, जो 2023 के भारत-विरोधी घटनाक्रम के बाद रुकी हुई थी।

पीएम मोदी ने कहा कि “भारत-कनाडा संबंध लोगों के आपसी संबंधों से जुड़े हैं और उन्हें जल्द पटरी पर लाया जाना चाहिए।”

पीएम कार्नी ने इस पहल को “ब्रेकथ्रू” बताया और इसे द्विपक्षीय संबंधों के लिए “नया अध्याय” कहा।

🔹 आतंकवाद पर दो टूक: दोहरे मापदंड बर्दाश्त नहीं

G7 आउटरीच सत्र के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा:

“ऐसे देश भी हैं जो खुलेआम आतंक का समर्थन करते हैं, और उन्हें इन हरकतों की सज़ा नहीं मिलती। यह दोहरा मापदंड दुनिया के लिए ख़तरनाक है।”

मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद को धर्म या राजनीतिक विचारधारा से जोड़कर सही ठहराना मानवता के खिलाफ अपराध है।

🔹 ग्लोबल साउथ की आवाज बने पीएम मोदी

भारत एक बार फिर Global South की आवाज़ बनकर सामने आया। पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के विकासशील देशों की समस्याएं वैश्विक मंचों पर प्राथमिकता बननी चाहिए।

उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, क्लाइमेट फाइनेंस, डिजिटल ट्रांजिशन, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों पर सभी देशों को मिलकर काम करने का आह्वान किया।

ग्लोबल साउथ को आवाज़ देना भारत की G20 अध्यक्षता की तरह ही एक कूटनीतिक प्राथमिकता रही है।

🔹 द्विपक्षीय मुलाक़ातों में रणनीतिक साझेदारी को मज़बूती

PM मोदी ने शिखर सम्मेलन के इतर कई वैश्विक नेताओं से ‘पुल-असाइड’ और औपचारिक मुलाक़ातें कीं। इनमें शामिल रहे:

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल: रक्षा, सेमीकंडक्टर और स्टार्टअप्स पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति।

मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शिनबॉम: फार्मा, शिक्षा और कृषि टेक्नोलॉजी पर साझेदारी की संभावनाएं।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बेनीज़: क्वाड और इंडो-पैसिफिक सहयोग पर चर्चा।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी भारत के विविध मुद्दों पर संवाद हुआ।

🔹 भारत की छठी G7 भागीदारी और बढ़ता वैश्विक कद

प्रधानमंत्री मोदी की यह लगातार छठी G7 भागीदारी रही।

वर्ष 2025 की G7 मेज़बानी कनाडा ने की, और आयोजन स्थल था Kananaskis, Alberta।

यह यात्रा पीएम मोदी की 10 वर्षों में पहली कनाडा यात्रा भी रही, जिससे भारत-कनाडा संबंधों की अहमियत और बढ़ी।

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