झारखंड की जेलों से अब नहीं चलेगा गैंगवार का खेल : हाईटेक निगरानी के लिए बनेगी इंटेलिजेंस यूनिट, 5G जैमर की तैयारी जोरों पर

KK Sagar
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झारखंड की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त करने और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। जल्द ही राज्य में जेल इंटेलिजेंस यूनिट (Jail Intelligence Unit) का गठन किया जाएगा। इसका उद्देश्य जेलों में चल रही संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करना और अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ना है।

इस यूनिट में अधिकारियों की एक छोटी लेकिन दक्ष टीम शामिल होगी, जो सीधे एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) के एसपी को रिपोर्ट करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर झारखंड के मुख्य सचिव और गृह सचिव को भेज दी है, जिसमें यूनिट के गठन का प्रस्ताव शामिल है।

मोबाइल नेटवर्क बना चुनौती, जैमर अपग्रेड का काम अधर में

राज्य की जेलों में पिछले कई वर्षों से मोबाइल जैमर लगाने और मौजूदा जैमर को अपग्रेड करने का मामला लंबित है। सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है और जैमर कंपनियों ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है, लेकिन धरातल पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

राज्य की 31 जेलों में से 14 जेलों में अब भी जैमर नहीं लगे हैं। जिन जेलों में जैमर लगे हैं, वे केवल 2G नेटवर्क तक ही प्रभावी हैं, जबकि वर्तमान में 5G नेटवर्क चल रहा है। इस तकनीकी खामी का सीधा फायदा जेल के भीतर बैठे अपराधी उठा रहे हैं, जो आसानी से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। कई बार बड़ी घटनाओं के बाद यह सामने आया है कि अपराध की साजिश जेल के अंदर से रची गई थी।

राज्य की प्रमुख जेलें:

केंद्रीय कारा:

  • बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार, रांची)
  • जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा (हजारीबाग)
  • केंद्रीय कारा दुमका
  • केंद्रीय कारा घाघीडीह (जमशेदपुर)
  • केंद्रीय कारा डालटनगंज (पलामू)
  • केंद्रीय कारा देवघर
  • केंद्रीय कारा गिरिडीह

मंडल कारा:
चाईबासा, गुमला, सरायकेला, चास, तेनुघाट, सिमडेगा, लातेहार, गढ़वा, कोडरमा, चतरा, धनबाद, लोहरदगा, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साकची

उपकारा:
घाटशिला, खूंटी, रामगढ़, बरही, राजमहल, मधुपुर

ओपन जेल:
हजारीबाग

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उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....