मौसम में अप्रत्याशित ढंग से बदलाव के कारण हादसे का शिकार हुआ जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से हुआ खुलासा

Anupam Kumar
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मिरर मीडिया जमशेदपुर। नई दिल्ली। 08 दिसंबर, 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में तीनों सेनाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपनी प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट सौंप दी है। रिर्पोट में तमिलनाडु में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य सैन्य कर्मियों की मौत एक चौंकाने वाले हेलीकॉप्टर दुर्घटना के एक महीने बाद त्रिकोणीय सेवा अदालत ने “पायलट के स्थानिक भटकाव” का हवाला दिया। पिछले साल आठ दिसंबर को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने सौंपे गए अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में कहा है कि मौसम में अप्रत्याशित ढंग से बदलाव के कारण पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। सीडीएस बिपिन रावत को मारने वाले हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच समिति ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारण यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज कर दिया है। भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को कहा कि घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के कारण यह दुर्घटना हुई। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट: 08 दिसंबर, 2021 को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में 08 दिसंबर, 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में तीनों सेनाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपनी प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट सौंप दी है। जांच दल ने इस दुर्घटना के सबसे संभावित कारणों का पता लगाने के लिए सभी गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर तथा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का गहन विश्लेषण किया है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के प्रमुख कारण के रूप में यांत्रिकीय खराबी, आंतरिक गड़बड़ी या किसी लापरवाही की संभावना को खारिज कर दिया है। यह दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में हुए अप्रत्याशित बदलाव के कारण हेलीकॉप्टर के बादलों में चले जाने के परिणामस्वरुप हुई थी। उस समय परिस्थितिवश पायलट को दिशा भ्रम हुआ जिसकी वजह से हेलीकॉप्टर उस इलाके में अनियंत्रित हो गया। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने जांच के बाद अपने निष्कर्षों के आधार पर कुछ सिफारिशें भी की हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही है।सीडीएस बिपिन रावत को मारने वाले हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच समिति ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारण यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज कर दिया है। भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को कहा कि घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के कारण यह दुर्घटना हुई।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट: 08 दिसंबर, 2021 को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में
08 दिसंबर, 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में तीनों सेनाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपनी प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट सौंप दी है। जांच दल ने इस दुर्घटना के सबसे संभावित कारणों का पता लगाने के लिए सभी गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर तथा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का गहन विश्लेषण किया है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के प्रमुख कारण के रूप में यांत्रिकीय खराबी, आंतरिक गड़बड़ी या किसी लापरवाही की संभावना को खारिज कर दिया है। यह दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में हुए अप्रत्याशित बदलाव के कारण हेलीकॉप्टर के बादलों में चले जाने के परिणामस्वरुप हुई थी। उस समय परिस्थितिवश पायलट को दिशा भ्रम हुआ जिसकी वजह से हेलीकॉप्टर उस इलाके में अनियंत्रित हो गया। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने जांच के बाद अपने निष्कर्षों के आधार पर कुछ सिफारिशें भी की हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही है।

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