नई दिल्ली: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि सेना को राजनीतिक बहसों में नहीं घसीटना चाहिए। बुधवार को एक पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि इस तरह की बयानबाजी से सेना की निष्पक्षता और स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है।
सेना प्रमुख ने भारत-चीन सीमा विवाद पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संवाद को प्राथमिकता दी जा रही है और सैन्य स्तर पर भी बातचीत को बढ़ावा दिया गया है। कोर कमांडरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे स्थानीय स्तर पर समाधान निकाल सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश की जा रही है, ताकि गलतफहमियों को दूर किया जा सके।
महिलाओं की सेना में भूमिका को लेकर अपनी टिप्पणी को दोहराते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि वह महिलाओं को सशक्त बनाने के पक्षधर हैं। उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के वीरतापूर्ण संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सेना प्रमुख ने भारत में रक्षा उत्पादन और हथियारों के निर्यात पर भी बात की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारतीय कंपनियों को हथियार निर्माण की अनुमति दी जा रही है, जिससे देश रक्षा उपकरणों के निर्यात में भी आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से शांति का समर्थक रहा है, लेकिन किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
शहीदों के परिवारों के प्रति सेना की संवेदनशीलता
जब सेना के जवान शहीद होते हैं तो उनके परिवारों को इसकी सूचना देने की प्रक्रिया को बेहद संवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि सेना केवल एक संगठन नहीं बल्कि एक परिवार की तरह काम करती है। शहीदों की विधवाओं और परिजनों के साथ आज भी सेना का गहरा रिश्ता बना हुआ है।
जनरल द्विवेदी के इस बयान के बाद सेना को राजनीतिक चर्चाओं से दूर रखने की उनकी अपील चर्चा का विषय बनी हुई है।