प्रेमचंद के विचारों से रूबरू हुईं बालिकाएँ : इप्टा की पाठशाला में साहित्य और समाज का सेतु

KK Sagar
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मेदिनीनगर। इप्टा द्वारा संचालित सांस्कृतिक पाठशाला की 78वीं कड़ी के तहत सोमवार को राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय बालिका उच्च +2 विद्यालय, अयोध्या, कोल्हुआ (पलामू) में “कथा सम्राट प्रेमचंद को जानें” विषयक एक भव्य सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य डॉ. मदन मोहन यादव एवं इप्टा के अध्यक्ष प्रेम भसीन ने संयुक्त रूप से की।

कार्यक्रम की शुरुआत इप्टा कलाकारों द्वारा प्रस्तुत प्रेरणादायक गीत “सोने वाले जाग, समय अंगड़ाता है” से हुई। इसके बाद छात्राओं मधु एवं अनामिका ने प्रेमचंद की चर्चित कहानी “बूढ़ी काकी” का प्रभावशाली पाठ किया। रंगकर्मी प्रेम प्रकाश ने कहानी पाठ की विधियों की जानकारी देते हुए छात्राओं को प्रस्तुति की बारीकियों से अवगत कराया।

छात्राओं के नीलम ग्रुप ने प्रेमचंद के जीवन पर आधारित गीत-नृत्य प्रस्तुत कर खूब सराहना बटोरी। छात्राओं अंशिका एवं अंजलि ने प्रेमचंद के जीवन संघर्ष व साहित्यिक योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। संस्कृत शिक्षक अभिषेक शुक्ला ने प्रेमचंद का संस्कृत भाषा में परिचय प्रस्तुत कर अनूठी प्रस्तुति दी।

प्रेमचंद: साहित्य के समाजिक संवेदनाओं के संवाहक
प्राचार्य डॉ. मदन मोहन यादव ने कहा कि प्रेमचंद जैसे साहित्यकार अमर होते हैं। उन्होंने श्रमिक वर्ग को नायक बनाकर साहित्य को जनमानस से जोड़ा। प्रेम भसीन ने कहा कि प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी सामाजिक बदलाव की प्रेरणा देती हैं।
प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेमचंद के पात्र कल्पना नहीं, बल्कि यथार्थ से जन्मे हैं। गोविंद प्रसाद ने उनकी कहानियों को आमजन की आवाज़ बताया। शैलेंद्र कुमार शर्मा ने महिलाओं की भूमिका पर विशेष चर्चा की, वहीं विवेक कुमार ने “दो बैलों की कथा” को प्रेम का प्रतीक बताया।

सुरेश सिंह ने प्रेमचंद की कहानियों को सामाजिक चेतना का माध्यम बताते हुए कहा कि वे परिवार, कुरीतियों और सत्ता की विसंगतियों को उजागर करते हैं। शिवशंकर प्रसाद ने प्रेमचंद को लोक साहित्य का स्तंभ बताते हुए कहा कि उन्होंने राजा-रानी की कहानियों की जगह आम लोगों को नायक बनाया।

दिव्या भगत ने प्रेमचंद की कहानियों को गुलामी से मुक्ति का संदेशवाहक बताया। शिक्षक शीतेश ने उनके जीवन संघर्ष को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि प्रेमचंद ने कठिनाइयों के बावजूद लेखन नहीं छोड़ा।

कार्यक्रम का समापन जोशपूर्ण गीत “हम होंगे कामयाब” के साथ
कार्यक्रम का समापन इप्टा कलाकारों द्वारा प्रस्तुत समूह गीत “हम होंगे कामयाब” से हुआ, जिसमें रवि शंकर, संजीव संजू, शशि पांडे, समरेश सिंह और अच्छे लाल प्रजापति शामिल थे।
इप्टा के जिला सचिव रवि शंकर ने सभी अतिथियों, शिक्षकों और छात्राओं के प्रति आभार जताया।

इस अवसर पर इप्टा के वरिष्ठ साथी गौतम कुमार, प्रलेस के जिला सचिव नुदरत नवाज, एसएफआई के दानिश खान, नौजवान सभा के अभिषेक कुमार तथा विद्यालय की 100 से अधिक छात्राएँ – सुप्रिया, आकृति, पम्मी, सानिया, लकी, गीता, रीता, काजल विश्वकर्मा, मुस्कान, पूजा आदि मौजूद रहीं।

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