मिरर मीडिया : झारखंड में मध्याह्न भोजन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत अब सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन संचालन के लिए एडवांस मिलेगा। यह एडवांस तीन महीने के लिए होगा। इसके बाद अब स्कूल व दुकानदारों के बीच उधारी को लेकर किचकिच नहीं होगी। इस संबंध में झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया। धनबाद में 1,55,921 स्कूली बच्चे मध्याहन भोजन खाते हैं। एडवांस मिलने के संबंध में निर्देश जारी होने के बाद प्रधानाध्यापक ने राहत की सांस ली है।




बताते चले कि सात फरवरी से मध्याहन पैसे की निकासी के लिए नई वित्तीय व्यवस्था लागू की गई है। नई व्यवस्था के तहत राशि की निकासी में कई तरह की तकनीकी कठिनाई हो रही है। स्कूलों का कहना है कि नई व्यवस्था के तहत स्थानीय दुकानदार स्कूलों को उधार बिक्री करने में सहमत नहीं हो रहे हैं। नई व्यवस्था में खर्च के बाद बिल के आधार पर भुगतान करने का प्रावधान है। दुकानदार लंबे समय तक उधार देने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में पीएम पोषण योजना के प्रभावित होने की संभावना है।
कई स्तर पर यह शिकायत मिलने पर मुख्यालय ने इस पर संज्ञान लिया। राज्य कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि सरस्वती वाहिनी संचालन समिति को वेंडर के रूप में नामित कर प्रत्येक तीन महीने के लिए एडवांस के रूप में राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिया गया है। निर्देश में कहा गया कि सभी सरस्वती वाहिनी संचालन समितियों के बैंक खाते का विवरण प्राप्त कर प्रखंड कार्यालय पीएफएमएस के एसएनए आधारित पोर्टल पर समितियों को वेंडर के रूप में निबंधित मैप एक सप्ताह के अंदर कराना है।



प्रत्येक तिमाही के प्रारंभिक माह के प्रथम सप्ताह में आवश्यकता का आकलन कर अनुमानित राशि का भुगतान एसएनए पोर्टल के माध्यम से उनके बैंक खाते में अग्रिम स्वरूप ट्रांसफर करेंगे। समिति की संयोजिका व अध्यक्ष उक्त राशि की निकासी कर पीएम पोषण के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर दुकानदार को भुगतान करेंगे। इसके बाद बिल प्राप्त करेंगे। दुकानदारों को यथासंभव चेक से भुगतान करने को कहा गया। प्रखंड स्तर पर सभी समिति के नाम से अलग-अलग व्यक्तिगत खाता तैयार होगा। प्रखंडों से कहा गया कि सभी स्कूल प्रत्येक महीने की पांच तारीख को जिला कार्यालय को संबंधित मद वार रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे।

