सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ रही धोखाधड़ी और फर्जी खातों पर लगाम लगाने के लिए बड़ी पहल की है। अब फर्जी बैंक खातों की पहचान करने और वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
‘म्यूलहंटर डॉट एआई’ का उपयोग
वित्त मंत्रालय ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पहल ‘म्यूलहंटर डॉट एआई’ का उपयोग करें। इस तकनीक से फर्जी खातों और उनसे जुड़े वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिनटों में मिल जाएगी। इससे बैंकिंग धोखाधड़ी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
बैठक में हुआ अहम निर्णय
वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में बैंकों से कहा गया कि वे वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करें। बैंकों को सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और एक-दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने की सलाह दी गई।
क्या है म्यूल खाता?
म्यूल खाता ऐसा बैंक खाता होता है, जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध धन के लेन-देन और धोखाधड़ी के लिए करते हैं।
इन खातों में ठगी के पैसे जमा करवाए जाते हैं।
ये खाते गुमनाम लोगों के नाम से खोले जाते हैं।
अपराधी यूपीआई जैसी तकनीकों का उपयोग कर इन खातों से धन को मिनटों में दूसरे खातों में ट्रांसफर कर देते हैं, जिससे धन का पता लगाना और उसे वापस लाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
कैसे मदद करेगी AI?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग न केवल फर्जी खातों की पहचान करने में होगा, बल्कि यह वित्तीय धोखाधड़ी रोकने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
फर्जी खातों का पता तेजी से चलेगा।
संदिग्ध लेन-देन की पहचान की जा सकेगी।
अपराधियों के नेटवर्क का खुलासा होगा।
सरकार की बड़ी पहल
इस कदम से न केवल आम जनता के पैसे की सुरक्षा होगी, बल्कि बैंकिंग क्षेत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। सरकार की यह पहल डिजिटल इंडिया के तहत सुरक्षित और मजबूत बैंकिंग प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम है।