जमशेदपुर : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज एक्सएलआरआई, जमशेदपुर के ‘प्लैटिनम जुबली समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि यह संस्थान विगत 75 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक है तथा अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने एक्सएलआरआई परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस संस्थान ने राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान दिया है तथा समाज में एक अमिट छाप छोड़ी है। राज्यपाल ने कहा कि एक्सएलआरआई ने न केवल कॉर्पोरेट लीडर्स को बल्कि सामाजिक उद्यमियों, नीति निर्माताओं और विचारकों को भी तैयार किया है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और विश्वपटल पर एक बेहतर स्थान अर्जित किया है। राज्यपाल ने कहा कि टाटा कंपनी विश्व के कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अपना एक अहम स्थान रखता है। यह कंपनी सिर्फ मुनाफा ही नहीं कमाती है। बल्कि सामाजिक दायित्वों का भी सक्रियतापूर्वक निर्वहन करता है। उन्होंने कहा कि हमारी सफलता इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि हम कितना धन कमाते हैं, बल्कि समाज के प्रति कितना योगदान देते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा रिसर्च स्कॉलर रेसिडेंस के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी गई।

वहीं राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने गोपाल मैदान में आयोजित ‘आदि महोत्सव’ (जनजातीय उद्यमिता, शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का उत्सव) को संबोधित करते हुए कहा कि यह महोत्सव केवल हमारी संस्कृति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की समृद्ध विविधता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही जनजाति समुदाय भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं। इस समुदाय का समृद्ध इतिहास व परंपरा प्रेरणादायक है और इसकी पूरे विश्व में एक अमिट छाप है। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड राज्य वीरों की भूमि है। इस राज्य में भगवान बिरसा मुंडा समेत कई महान विभूतियां हुए हैं, जिन्होंने मातृभूमि व समाज के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
राज्यपाल ने उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी समाज की महिलाएं परिश्रमी हैं और विकास के लिए लालायित हैं।

इसके बाद राज्यपाल उत्क्रमित +2 टाटा वर्कर्स युनियन उच्च विद्यालय कदमा पहुंचे। वहां बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति इतनी उच्च है कि हम धरती को माता बोलकर पुकारते हैं और देश को भारतमाता। दूसरों के दुखों के प्रति संवेदना प्रकट करना और उसे दूर करने का प्रयत्न करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने इस विद्यालय को स्वच्छता के लिए पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें हर्ष है कि इस विद्यालय को शिक्षक व छात्रों ने मिलकर उत्कृष्ट बनाया है। उन्होंने कहा कि हमें यह सोचकर जीवन में काम नहीं करना है कि हमें पुरस्कार प्राप्त होगा या सम्मान प्राप्त होगा बल्कि प्रतिबद्ध होकर अथक प्रयास करते रहना है। सफलता अवश्य मिलेगी। बच्चों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जिंदगी में पहली प्रेरणा उनको माँ से मिला और उनमें देशभक्ति, अध्यात्म व समाज सेवा की भावना विकसित हुई। जब उन्हें सांसद बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो तब उन्होंने जिस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की था, उस विद्यालय के अतिरिक्त 35 से अधिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए 10-10 लाख रूपए आवंटित किया था। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि एक समय में एक कार्य करें और उसे अच्छी तरह से पूरा करें। खेलने के समय खेले और पढ़ने के समय पढ़ें। अगले दिन पढ़ाई जाने वाली विषय को एक दिन पूर्व पढ़ कर जाएं। पढ़ाई गई विषयों का लिखकर अभ्यास करें। जीवन में तनाव आता है लेकिन उसे हावी ना होने दें। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की व विद्यालय में लगाए गए प्रदर्शनी को देखा तथा सराहना की।