आजादी का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म वस्तु एवं सेवा कर (GST) के 7 वर्ष पूरे हो गए हैं। बता दें कि मोदी 1.0 सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 को इसे लागू किया गया था। करीब 17 सालों की लंबी चर्चा के बाद 1 जुलाई 2017 को जीएसटी ने एक देश, एक टैक्स, एक बाजार का सपना साकार किया।
सशक्त कारोबार समग्र विकास” थीम के साथ सात साल के इस सफर को याद किया
इस अवसर पर वित्त मंत्रालय ने ”सशक्त कारोबार समग्र विकास” थीम के साथ सात साल के इस सफर को याद किया है। जब जीएसटी को देश में लागू किया गया तो अधिकारी से लेकर कारोबारी तक सभी इसके परिणाम को लेकर सशंकित थे लेकिन समय के साथ हालात बेहतर होते गए और जीएसटी से कारोबारियों की दिक्कतें काफी हद तक कम हो गई।
GST से कारोबारियों की दिक्कतें हुईं कम और व्यापार करना हुआ आसान
GST से न केवल टैक्स और उनकी दरें आसान हुई बल्कि टैक्स चोरी पर भी लगाम लगी और सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी भी हुई।जीएसटी से कारोबारियों की दिक्कतें कम हुईं और व्यापार आसान हुआ। जीएसटी लागू होने से पहले देशभर के तमाम राज्यों की सीमाओं पर ट्रकों की लंबी लाइनें लगी रहती थी। टैक्स चोरी रोकने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं था। चुंगी और व्यापार कर चौकियां भ्रष्टाचार का केंद्र बनी हुई थी। ट्रांजेक्शन में भी देरी होती थी। मल्टीपल टैक्सिंग की वजह से चीजें महंगी थी। पंजीकृत व्यापारियों की तादाद कम थी इसलिए सरकार को राजस्व का नुकसान होता था।
GST के लिए चार विधेयक किए गए थे पारित
जीएसटी लागू कराने के लिए संसद के दोनों सदनों से चार विधेयक पारित किए गए। ये विधेयक थे…
1. केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विधेयक 2017
2. एकीकृत वस्तु और सेवा कर विधेयक 2017
3. केंद्र शासित प्रदेश वस्तु और सेवा कर विधेयक 2017
4. वस्तु और सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017
GST से देश के सभी राज्यों में कर की दर एक
GST लागू होने से जहां देश में कारोबार करना आसान हुआ वहीं इससे छोटे बड़े सभी कारोबारी लाभान्वित हुए हैं। जीएसटी लागू होने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि देश के सभी राज्यों में कर की दर एक हो गई। वहीं जीएसटी के तहत कारोबारियों की संख्या में डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जून) में अब तक ग्रॉस गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन 5.57 लाख करोड़ रुपये रहा।