मिरर मीडिया : जल, जंगल, जमीन की रक्षा, खतियान आधारित नीति लागू करने सहित कई उद्देश्यों को आधार मानकर आज झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति की पहली जनसभा जयराम महतो की उपस्थिति में रविवार को आयोजित की गई है।
भीषण गर्मी में भी संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं का जोश चरम पर था। इस बाबत हजारों चार पहिया और दो पहिया वाहनों की कतार दिखी 44 डिग्री पारा में भी 50000 लोगों की भीड़। लोगों का उत्साह ऐसा, जैसे अंगारे बरसा रही गर्मी भी हार मान जाए। यह नजारा धनबाद शहर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर बलियापुर हवाई पट्टी के बिनोद धाम में देखने को मिला, जहां झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति की पहली जनसभा रविवार को आयोजित हुई है।
आपको बता दें कि खतियानी संघर्ष समिति के चर्चित नेता जयराम महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो के समाधि स्थल से अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत करने पहुंचे हैं। जहाँ झारखंड के हर जिले से समर्थक पहुंचे थे।
जयराम महतो बिनोद बाबू के समाधि स्थल से झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति को पार्टी का रूप देने पहुंचे। उनका संबोधन अभी नहीं हुआ है, इससे पहले ही उनके संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने पार्टी का उद्देश्य गिना दिया है। इसमें जल, जंगल, जमीन की रक्षा, खतियान आधारित नीति लागू करने, बड़े उद्योगों को बचाने और विस्थापितों को शत प्रतिशत नौकरी, किसानों के लिए नई उत्पादन नीति और तकनीक, आदिवासियों के हित में सीएनटी और एसपीटी का प्रचार- प्रसार और झारखंड की लोक संस्कृति का संरक्षण शामिल है।
मंच से समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा यह कहा गया कि गुजरात गुजराती का, बिहार बिहारी का, बंगाल बंगाली का तो झारखंड केकरो बाप के नाय, झारखंड झारखंडी का।
सभा में 5000 कुर्सियां लगाई गई हैं। जबकि वहां पहुंचने वालों की संख्या 50,000 से ज्यादा हो गई है। इस वजह से भीड़ अनियंत्रित हो गई है और व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गया है।
कार्यकर्ताओं की भीड़ देख जयराम खुद मंच से नीचे उतर आए और कार्यकर्ताओं को बैठने का इशारा कर खुद उनके साथ जमीन पर बैठ गए। अपने नेता को साथ बैठा देख कार्यकर्ताओं का उत्साह और बढ़ गया। तप रही जमीन पर कार्यकर्ता उनके साथ बैठ गए और सेल्फी का दौर शुरू हो गया।
इधर कार्यकर्ताओं की अत्यधिक भीड़ हो जाने से पंडाल के अंदर उमस बढ़ गई है।इस वजह से आधा दर्जन लोग बेहोश हो गए। उनके लिए तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था कर अस्पताल भेजा गया।