डिजिटल डेस्क/ रांची : झारखंड के गुमला जिले में रायडीह प्रखंड के माझाटोली बैरियर बगीचा में आयोजित अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा 2025’ में मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। हजारों जनजातीय समुदाय के लोग पारंपरिक वेशभूषा में उमड़े और नृत्य-गान की धुनों से पूरा परिसर सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो गया।
मंच पर पहुंचते ही राष्ट्रपति ने परंपरागत ‘जोहार’ से अभिवादन किया, जिस पर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट और उत्साह से झूम उठा। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘शिक्षा विकास की सबसे बड़ी पूंजी है। जनजातीय समाज को आगे लाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।’ उन्होंने प्रस्तावित पंखराज साहेब कार्तिक उरांव आदिवासी शक्ति स्वायतशासी विश्वविद्यालय के शीघ्र निर्माण की उम्मीद जताई।
संयोजक द्वारा ‘राष्ट्रमाता’ उपाधि की घोषणा पर मुस्कुराते हुए राष्ट्रपति ने विनम्रता से कहा, “मुझे बेटी और बहन के रूप में जाना ज्यादा अच्छा लगता है।” झारखंड राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी संबोधन किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय स्थापना की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे।

