क्या कांग्रेस ने सरदार पटेल की हत्या की साजिश दबाई? वक्फ कानून को लेकर विपक्ष फिर से बंटवारे की राह पर -निशिकांत दुबे का बड़ा आरोप

KK Sagar
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BJP सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए दावा किया कि 14 मई 1939 को सरदार वल्लभभाई पटेल पर भावनगर में जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें उनकी रक्षा करते हुए मोदी और पटेल नामक दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस घटना को, उनके अनुसार, कांग्रेस ने इतिहास से मिटा दिया।

डॉ. दुबे ने अपने पोस्ट में वक्फ कानूनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1934 में कलकत्ता में वक्फ बंगाल कानून और 1935 में उत्तर प्रदेश वक्फ कानून लाया गया था, जिसका विरोध सरदार पटेल ने यह कहते हुए किया था कि “मुस्लिम लीग और जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद” इन कानूनों के ज़रिए भारत के बंटवारे की ज़मीन तैयार कर रहे हैं।

डॉ. दुबे का आरोप है कि कांग्रेस ने उस समय न सिर्फ इन कानूनों को समर्थन दिया, बल्कि सरदार पटेल पर हुए हमले की साज़िश को भी दबा दिया। उन्होंने लिखा:

सरदार पटेल पर इसी मई महीने की 14 तारीख़ 1939 को भावनगर में जानलेवा हमला हुआ,उनकी रक्षा करते हुए मोदी व पटेल मारे गए,इतिहास के पन्नों से कांग्रेस द्वारा ग़ायब इस अध्याय का कारण जानकर आपको आज की राजनीति पता चलेगी,उन्होंने कलकत्ता में वक़्फ़ बंगाल क़ानून 1934 व उत्तरप्रदेश वक़्फ़ क़ानून 1935 का विरोध यह कहते हुए किया था कि मुस्लिम लीग तथा जमातें उलेमा हिंद इस बहाने भारत का बँटवारा करना चाहती हैं ।कांग्रेस पार्टी ने बात भुलाई,उनकी हत्या की साज़िश को दबाया,आज पाकिस्तान दुश्मन देश है,बँटवारा हुआ ।क्या आज विपक्ष फिर से वोट बैंक के लिए देश के बंटवारे की तरफ़ नहीं बढ़ रहा है?

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