मिरर मीडिया संवाददाता, हजारीबाग: हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में शुक्रवार को “एक राष्ट्र, एक निर्वाचन” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल उपस्थित रहे। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार सिंह, शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति में “वन नेशन, वन इलेक्शन” की अवधारणा को देश की लोकतांत्रिक मजबूती के लिए आवश्यक बताया गया।
सांसद ने कहा – एक साथ चुनाव समय की मांग
सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में देश में हर कुछ माह में किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। इससे न केवल विकास कार्यों पर असर पड़ता है, बल्कि आचार संहिता के कारण शासन व्यवस्था भी बाधित होती है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराने में सरकारी राजस्व की भारी बर्बादी होती है। यदि एक साथ चुनाव कराए जाएं तो इससे समय, श्रम और संसाधनों की बचत के साथ-साथ सरकारें स्थिरता के साथ काम कर सकेंगी।
उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस मुद्दे को लेकर जागरूकता फैलाएं और यह बताएं कि यह व्यवस्था देश को किस प्रकार लाभ पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस विषय का दुष्प्रचार कर रहे हैं, लेकिन युवाओं को तथ्यों के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।

कुलपति ने कहा – विकसित देशों की राह पर भारत भी बढ़े
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल जैसे विकसित देशों में वन नेशन, वन इलेक्शन की व्यवस्था पहले से लागू है। भारत भी अब विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक साथ चुनाव जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी बाधाओं को दूर कर सरकार को इस पर निर्णय लेना चाहिए।
छात्रों ने भी दिया समर्थनकार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने भी मंच से अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि देश में लगातार चुनावी प्रक्रिया चलती रहती है, जिससे न केवल विकास योजनाएं प्रभावित होती हैं, बल्कि प्रशासनिक मशीनरी भी चुनावों में व्यस्त हो जाती है। छात्रों ने एक साथ चुनाव की नीति को लागू करने की पुरजोर वकालत की और कहा कि इससे सरकारी खर्च में भारी कमी लाई जा सकती है, जिसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य व इंफ्रास्ट्रक्चर में किया जा सकता है।
संगोष्ठी में सर्वसम्मति से मांग उठी कि केंद्र सरकार को वन नेशन, वन इलेक्शन को शीघ्र लागू करना चाहिए।